अंशुल मौर्य
वाराणसी, 13 दिसम्बर 2024:
पवित्र काशी में इस वर्ष एक अद्भुत दृश्य देखने को मिल रहा है। बाबा विश्वनाथ के प्राचीन मंदिर में ठंड से बचाव के लिए अभूतपूर्व आयोजन किया जा रहा है। इस बार की तैयारियां न केवल विशेष हैं, बल्कि अभूतपूर्व और सबसे व्यापक भी हैं।
क्या है खास?
मंदिर के पुजारियों ने एक अनोखी पहल की है। रात्रि की शयन आरती के बाद बाबा विश्वनाथ को गर्म रजाई से ढका जा रहा है। दिन में उन्हें विशेष ऊनी वस्त्र पहनाए जा रहे हैं। गर्भगृह में हीटर की व्यवस्था की गई है, जो न केवल भगवान को बल्कि दर्शन करने आए भक्तों को भी सुखद वातावरण प्रदान करती है।
पुजारियों का कहना है कि यह व्यवस्था इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उत्तर भारत में इस वर्ष कड़ाके की ठंड की भविष्यवाणी की गई है। शीतलहर के प्रकोप से बचाव के लिए यह कदम उठाया गया है।
यह केवल एक धार्मिक परंपरा ही नहीं, बल्कि मानवीय संवेदना का भी परिचायक है। जहां एक ओर भगवान की सेवा का विशेष प्रबंध है, वहीं दूसरी ओर भक्तों की सुविधा का भी ध्यान रखा जा रहा है। यह काशी की सनातन परंपरा और आधुनिक जरूरतों का सुंदर समन्वय है।
इस तरह की अनूठी व्यवस्था काशी की विशिष्ट पहचान को और भी मजबूत करती है, जहां परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।