अंशुल मौर्य
वाराणसी, 4 फरवरी 2025:
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) ने अपने 110वें स्थापना दिवस को वासंती उल्लास और भव्य आयोजनों के साथ मनाया। सोमवार को पूरे विश्वविद्यालय परिसर में हर्षोल्लास का माहौल रहा। छात्र-छात्राओं ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लिया और हिंदी-भोजपुरी गीतों पर झूमते नजर आए।

हवन-पूजन से हुई शुरूआत, झांकियां निकालीं
स्थापना दिवस समारोह की शुरुआत विश्वविद्यालय के स्थापना स्थल पर हवन-पूजन से हुई। इसमें प्रभारी कुलपति प्रो. संजय कुमार, कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह, छात्र अधिष्ठाता प्रो. अनुपम कुमार नेमा सहित कई अधिकारी, संकाय प्रमुख और कर्मचारी शामिल हुए। छात्रावासों में विद्यार्थियों ने श्रद्धापूर्वक विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना की। इस अवसर पर सहायक कुलपति ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मां बागेश्वरी की पूजा की और हरि झंडी दिखाकर झांकियों को रवाना किया।

झाकियों में दिखी महाकुंभ व विकसित भारत की झलक
इस वर्ष के आयोजन का मुख्य आकर्षण झांकियां रहीं, जो ‘प्रतीचि प्राची का मेल सुन्दर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय’ थीम पर आधारित थीं। विद्यार्थियों ने पहली बार झांकी प्रस्तुत की जिसमें विश्वविद्यालय की विविधता और विरासत को अनूठे अंदाज में दर्शाया गया। झांकियों में महाकुंभ की झलक, विकसित भारत की तस्वीर और आईआईटी की विकास यात्रा को विशेष रूप से दर्शाया गया। संस्कृत विद्या धर्म संकाय द्वारा निकाली गई पांच झांकियों में शंकराचार्य के उपदेशों का भी चित्रण किया गया।

आईआईटी की विकास यात्रा भी हुई प्रदर्शित
प्रो. मेधा झा ने बताया कि उन्होंने आईआईटी के विकास की यात्रा को अपनी झांकी में दिखाया है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय का यह स्थापना दिवस न केवल इसकी समृद्ध विरासत का प्रतीक बना बल्कि विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों के लिए भी अविस्मरणीय अनुभव साबित हुआ।
