
वाराणसी, 8 फरवरी 2025:
यूपी के वाराणसी जिले में बाबा विश्वनाथ के दर्शन को महाकुंभ का पलट प्रवाह काशी में श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ लेकर आया है। वीकेंड होने से इस भीड़ में और इजाफा देखा गया। हालात को देखते हुए मणिकर्णिका द्वार बंद कर दिया गया है। वहीं बॉर्डर पर भी श्रद्धालुओं के वाहन रोके जा रहे हैं। इधर महाकुंभ से अखाड़ों के नागा साधुओं ने डेरा जमाना शुरू कर दिया है।

रूट डायवर्जन लागू किया, बॉर्डर पर रोके गए वाहन
रोजाना लाखों श्रद्धालु काशी पहुंच रहे हैं, जिससे शहर के हर चौक-चौराहे पर वाहनों का रेला हो गया है। लोगों को घंटों जाम में फंसना पड़ रहा है और प्रशासन के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गई है। गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। स्नान कर रहे श्रद्धालुओं को बाहर निकलने के लिए घंटों मशक्कत करनी पड़ रही है। मणिकर्णिका द्वार बंद कर दिया गया है, जिससे श्रद्धालुओं को और भी परेशानी हो रही है। बाबा विश्वनाथ धाम में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी लाइनें लगी हैं। श्रद्धालुओं को 4 से 5 घंटे तक लाइनों में खड़े होना पड़ रहा है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड पर है। पुलिस प्रशासन ने प्रमुख चौक-चौराहों पर रूट डायवर्जन लागू कर दिया है। बाहरी गाड़ियों को वाराणसी के बॉर्डर पर ही रोक दिया जा रहा है।
नागा साधुओं का दिखने लगा जमावड़ा
महाशिवरात्रि से पहले काशी में साधु-संतों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। शनिवार को अखाड़े के कुछ नागा साधु प्रयागराज से वाराणसी आ गए। जबकि, कुछ अखाड़ों के नागा 12 फरवरी से आगमन होगा। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया, प्रयागराज से संत काशी के लिए रवाना हुए हैं जहां वे महाशिवरात्रि तक रहेंगे और जुलूस निकालकर काशी विश्वनाथ के दर्शन करने के बाद मसाना में होली खेलेंगे और गंगा में स्नान करेंगे। इसके बाद वे अपने-अपने मठों और आश्रमों के लिए रवाना होंगे।






