
पुणे, 19 फरवरी 2025
पुणे की एक अदालत ने हिंदुत्व विचारक वीडी सावरकर पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर दायर मानहानि के एक मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को उनकी शीर्ष स्तर की सुरक्षा और विपक्ष के नेता के दर्जे का हवाला देते हुए मंगलवार को पेशी से स्थायी छूट दे दी।
सांसद/विधायक के लिए विशेष अदालत के समक्ष उपस्थित होने से स्थायी छूट की मांग करने वाली एक अर्जी अधिवक्ता मिलिंद पवार ने पिछले महीने दायर की थी, जो मानहानि मामले में गांधी (54) का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
यह मामला, जिसमें कांग्रेस नेता को पिछले महीने जमानत मिली थी, वीडी सावरकर के एक रिश्तेदार द्वारा दायर किया गया था।
एमपी/एमएलए के लिए विशेष अदालत की अध्यक्षता कर रहे न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) अमोल शिंदे ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी लोकसभा में विपक्ष का नेता है और उसे कई बैठकों में भाग लेना है।
आदेश में कहा गया है कि यह देखते हुए कि वह जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति हैं और उनकी सुरक्षा व्यवस्था (पुणे यात्रा के दौरान) पर हुए खर्च तथा यदि वह सुनवाई में शामिल होते हैं तो कानून-व्यवस्था की समस्या को ध्यान में रखते हुए अदालत गांधी को मामले में पेश होने से स्थायी छूट प्रदान करती है।
पिछले महीने, अदालत ने गांधी को जमानत दे दी थी, जब वह सावरकर के पोते की शिकायत पर दर्ज मामले में अदालत के समक्ष वर्चुअली पेश हुए थे। यह शिकायत गांधी द्वारा मार्च 2023 में लंदन में दिए गए भाषण से उपजी थी, जिसमें उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी पर उनकी लिखी एक किताब का हवाला देते हुए कुछ टिप्पणियां की थीं।
न्यायाधीश ने कहा, “तथ्यों (गांधी के वकील द्वारा उद्धृत) पर विचार करते हुए, इस अदालत को लगता है कि आरोपी लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं। उन्हें कई कार्यक्रमों में भाग लेना है…. उन्हें जेड+ सुरक्षा प्राप्त है। सुरक्षा का खर्च काफी है। कानून और व्यवस्था के मुद्दे के कारण, इस अदालत को लगता है कि आरोपी को इस मामले में पेश होने से स्थायी छूट दी जानी चाहिए।”






