लखनऊ, 3 मार्च 2025:
उत्तर प्रदेश सरकार ने अधिकारियों द्वारा विधायकों के फोन न उठाने और कॉल बैक न करने की शिकायतों को गंभीरता से लिया है। प्रमुख सचिव संसदीय कार्य जेपी सिंह ने सभी अपर मुख्य सचिव, डीजीपी, मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि विधायकों और सांसदों के प्रति शिष्टाचार, प्रोटोकॉल और सौजन्य प्रदर्शन को लेकर पहले भी कई निर्देश जारी किए जा चुके हैं। हाल ही में मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इन निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को आगाह किया था। इसके बावजूद कुछ जिलों में अधिकारी जनप्रतिनिधियों के फोन नहीं उठा रहे हैं और न ही कॉल बैक कर रहे हैं।
विधायकों द्वारा यह मुद्दा सदन और संसदीय अनुश्रवण समिति की बैठकों में उठाने से सरकार को असहज स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। इसे गंभीरता से लेते हुए शासन ने निर्देश दिया है कि अधिकारी जनप्रतिनिधियों के फोन नंबर अपने मोबाइल में सेव करें और कॉल आने पर रिसीव करें। यदि वे किसी बैठक में व्यस्त हैं, तो प्राथमिकता के आधार पर अनुपलब्धता का संदेश भेजें और जल्द से जल्द कॉल बैक करें।
शासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि विधायकों द्वारा उठाए गए मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण कर उन्हें अवगत कराया जाए। यदि किसी अधिकारी द्वारा इन निर्देशों का उल्लंघन किया जाता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। प्रमुख सचिव ने सभी संबंधित अधिकारियों को इन निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने को कहा है।