लखनऊ, 3 मार्च 2025:
रियल स्टेट कंपनी अंसल एपीआई को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) द्वारा दिवालिया घोषित कर दिया गया है। इस कार्रवाई से लखनऊ में रहने वाले लगभग सात हजार निवेशकों का भी दिवाला निकल गया है। सोमवार को सैकड़ों की संख्या में निवेशक अंसल के आफिस पहुंचे और प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंचे विधायक सरोजनीनगर राजेश्वर सिंह ने मामले को सीएम के सामने रखने की बात कही।

जमीन खरीदे बिना ही निवेशकों से कर लिया था सौदा, 16 साल में नहीं मिला कब्जा
बता दें कि अंसल ने टाउनशिप विकसित करने के नाम पर जबरदस्त फ्रॉड किया। जमीन मौजूद न होते हुए भी हजारों लोगों से करोड़ो रूपये फ्लैट, विला,कमर्शियल प्लाटों के साथ दुकानों के नाम पर जमा कर लिए गए। हाईटेक टाउनशिप विकसित करने के लिए अंसल और एलडीए की बीच एमओयू भी हुआ था। इन सब गतिविधियों को देखकर निवेशक इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि अंसल सही रास्ते पर है। फिलहाल सालों का वक्त बीतने के बाद उन्हें जमीन के दर्शन तक नहीं हुए कब्जा मिलना तो दूर की बात रही। इधर अंसल एपीआई भी मुकदमों और जांच में घिरती चली गई। अब उसे एनसीएलटी ने दिवालिया घोषित कर दिया। इसकी भनक पाकर निवेशकों ने जब अंसल के ऑफिस पहुंचे तो वहां का स्टॉफ ताला डालकर फरार हो गया।
अंसल के ऑफिस पर निवेशकों का हंगामा, विधायक ने दिया समाधान होने का भरोसा
सोमवार को एक बार फिर सैकड़ों निवेशक अंसल के ऑफिस पहुंचे यहां विधायक राजेश्वर सिंह की मौजूदगी में हुई बैठक में अपना गुस्सा जाहिर किया। कहा कि एक एक निवेशक की दस से 50 लाख या उससे अधिक रकम फंसी हुई है। महज 83 करोड़ के लिए कंपनी को दिवालिया घोषित कैसे किया जा सकता है जबकि कंपनी के पास हमारे हजारों करोड़ की रकम जमा हैं। ये सब एक साजिश है। फिलहाल विधायक सरोजनी नगर राजेश्वर सिंह ने निवेशकों से प्रकरण को सीएम के सामने रखने की बात कही। ये भी कहा कि सरकार इस मामले पर गम्भीर है। जल्द ही इसका समाधान निकाल कर खरीदारों के हितों की रक्षा की जाएगी।