गांधीनगर, 6 मार्च 2025
गुजरात के वन मंत्री मुलुभाई बेरा ने मंगलवार को विधानसभा को बताया कि पिछले दो वर्षों में गुजरात में कम से कम 286 एशियाई शेरों की मौत हुई है, जिनमें 143 शावक भी शामिल हैं। इनमें से 58 मौतें अप्राकृतिक कारणों से हुईं। प्रश्नकाल के दौरान वरिष्ठ कांग्रेस विधायक शैलेश परमार के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए बेरा ने कहा कि राज्य में दो वर्षों – 2023 और 2024 – में 140 शावकों सहित 456 तेंदुओं की भी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि 286 शेरों की मौत में से 121 की मौत 2023 में तथा 165 की मौत 2024 में होने की संभावना है।
गुजरात एशियाई शेरों का दुनिया का आखिरी निवास स्थान है। जून 2020 में की गई आखिरी जनगणना के अनुसार, राज्य में 674 एशियाई शेर हैं, जिनमें से मुख्य रूप से गिर वन्यजीव अभयारण्य है।
मंत्री ने चल रहे बजट सत्र के दौरान विधानसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि तेंदुओं के मामले में 2023 में 225 और 2024 में 231 तेंदुओं की मौत होगी। उन्होंने बताया कि 228 शेरों की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई, जबकि 58 मौतें अप्राकृतिक कारणों से हुईं, जैसे वाहनों की चपेट में आना या खुले कुओं में डूब जाना।
बेरा ने बताया कि तेंदुओं में 303 मौतें प्राकृतिक कारणों से हुईं, जबकि 153 मौतें अप्राकृतिक कारणों से हुईं। मंत्री ने सदन को बताया कि राज्य सरकार ने शेरों की अप्राकृतिक मौतों को रोकने के लिए पशु चिकित्सकों की नियुक्ति और शेरों तथा अन्य जंगली जानवरों के समय पर उपचार के लिए एम्बुलेंस सेवा शुरू करने जैसे विभिन्न कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अन्य उपायों में अभयारण्य क्षेत्रों से गुजरने वाली सड़कों पर स्पीड-ब्रेकर बनाना और साइनबोर्ड लगाना, जंगलों में नियमित पैदल गश्त करना, जंगलों के पास खुले कुओं के लिए दीवार बनाना, गिर वन्यजीव अभयारण्य के पास रेलवे ट्रैक के दोनों ओर बाड़ लगाना और एशियाई शेरों की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए उन्हें रेडियो कॉलर लगाना शामिल है।