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मां गौरा की हल्दी रस्म से महका महंत आवास, गौने में गूंजे मंगल गीत, फूलों की हुई वर्षा

अंशुल मौर्य

वाराणसी, 7 मार्च 2025:

यूपी के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत का महंत आवास गौरा के गौने का साक्षी बना। फूलों की वर्षा हुई मंगल गीत गूंजे और कामाख्या शक्ति पीठ से लाकर नागा संतों द्वारा अर्पित की गई हल्दी की रस्म महिला श्रदालुओं ने पूरी निष्ठा आस्था संग निभाई।

डमरू के निनाद व शंख की गूंज में किया हर-हर महादेव का उद्घोष

काशी विश्वनाथ मंदिर का टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास शुक्रवार के खास मौके पर गौरा मां की हल्दी रस्म लोक परम्पराओं का निर्वहन करते हुए निभाई गई। नीलांचल के कामाख्या शक्तिपीठ से विशेष रूप से आयी हल्दी लेकर नागा बाबा सावन भारती, नागा बाबा पूरन भारती,नागा बाबा पितांबर भारती, नागा बाबा रवींद्र भारती की अगुवाई में साधु संत का दल जूना अखाड़ा हनुमान हनुमान घाट से डमरूओं के निनाद, शंखों की गूंज के बीच हर-हर महादेव का उदघोष करते हुए निकला। वहां से  शोभायात्रा के रूप में साधु-संतों और गृहस्थ भक्तों का समूह महंत आवास पहुंचा। थालों में हल्दी, फल, मेवा-मिठाई, वस्त्र और आभषूण लेकर वे टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पहुंचे।

गीतों में पिरोई शिव पार्वती के मंगल दाम्पत्य की कामना

साधु संन्यासियों द्वारा हल्दी अर्पित किये जाने के बाद हल्दी की रस्म महिलाओं ने पूरी की। एक तरफ मंगल गीतों का गान हो रहा था दूसरी तरफ गौरा को हल्दी लगाई जा रही थी। ढोलक की थाप और मंजीरे की खनक के बीच शिव-पार्वती के मंगल दाम्पत्य की कामना पर आधारित गीत गाए गए। गौरा के हरदी लगावा, गोरी के सुंदर बनावा… सुकुमारी गौरा कइसे कैलास चढ़िहें…’,‘गौरा गोदी में लेके गणेश विदा होइहैं ससुरारी…’ आदि मंगल गीत के स्वर गूंजे तो आस्था हिलोरें लेने लगी। गौरा की हल्दी लेकर महंत आवास पहुंचे साधु संतों का स्वागत महंत परिवार के वरिष्ठ सदस्यों ने पुष्प वर्षा माल्यार्पण और रूद्राक्ष माला अंगवस्त्रम देकर किया।

बाबा को लगाया बनारसी ठंडई,पान व पंच मेवा का लगाया गया भोग

बाबा के तेल-हल्दी की रस्म दिवंगत महंत डा. कुलपति तिवारी की पत्नी मोहिनी देवी के सानिध्य में हुई। पूजन अर्चन का विधान उनके पुत्र पं. वाचस्पति तिवारी ने पूर्ण किया। बाबा को खास बनारसी ठंडई, पान और पंचमेवा का भोग लगाया गया। इससे पूर्व बाबा का विशेष राजसी-स्वरूप में शृंगार संजीव रत्न मिश्र ने किया। गौरा सदनिका के श्री काशी विश्वनाथ डमरूदल सेवा समिति के पागल बाबा और मोनु बाबा के नेतृत्व में डमरूवादन कर माहौल को भक्तिमय बना दिया।

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