
बाराबंकी,15 मार्च 2025:
यूपी के बाराबंकी जिले में देवाशरीफ स्थित सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की मजार होली पर्व पर एक बार फिर आपसी सौहार्द की साक्षी बनी। यहां हिन्दू-मुस्लिम ने एक साथ अबीर गुलाल लगाकर पर्व की खुशियां साझा कीं और सभी को ऐसा ही भाईचारा कायम रखने का संदेश दिया।
विश्व विख्यात है सूफी संत की मजार, हर साल मजार परिसर में निभाई जाती है परंपरा
जिला मुख्यालय से 13 किमी दूर सूफी संत की मजार विश्वविख्यात है। यहां दस दिन तक चलने वाले महोत्सव में देश दुनिया से लाखों लोग जियारत करने पहुंचते हैं। सूफी संत का संदेश जो रब है वही राम है यहां साकार रूप में दिखाई देता है। परंपरा के मुताबिक यहां हर साल लोग होली मनाने के लिए हिन्दू मुस्लिम जुटते हैं। शुक्रवार को भी पर्व के दिन यहां देश भर से लोग पहुंचे और एक साथ त्योहार मनाया।

अबीर-गुलाल व फूलों की होली से महका सौहार्द
सूफी संत की मजार की ओर जाने वाले रास्ते पर दोनों ओर फूलों और चादर की दुकानें सजीं थी। इस रास्ते मे हर तरफ इत्र की खुशबू बिखरी थी। इसके बाद परिसर में हजारों की भीड़ ने एक साथ अबीर गुलाल व फूलों की होली खेली। यहां की हवाओं में सौहार्द महक रहा था। लोगों में उत्साह इस कदर था कि वीडियो बनाकर अन्य लोगों से भी इसी तरह भाईचारा बनाये रखने की अपील की। लोग इस नजारे को कैमरे में कैद करते रहे। मस्जिदों में नमाज पढ़ने जा रहे लोगों पर रंग का एक कतरा भी न पड़े इसका ख्याल रखा गया। इस मजमे में भारी संख्या में स्थानीय लोगों ने भी शिरकत की। सुबह से शुरू हुआ रंगों का उत्सव दोपहर 12 बजे के बाद तक चलता रहा।






