नागपुर, 20 मार्च 2025
नागपुर पुलिस ने 17 मार्च की हिंसा के मास्टरमाइंड फहीम खान और पांच अन्य के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया है। खान को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और अदालत ने उसे 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। नागपुर साइबर क्राइम के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) लोहित मतानी ने कहा, “फहीम खान समेत छह लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। कुछ लोगों ने पुलिस के खिलाफ हिंसा का समर्थन किया और उसकी प्रशंसा की। यह संख्या और बढ़ सकती है। इस हमले का समर्थन करते हुए कुछ टिप्पणियां की गईं, जिससे दंगे और भड़के। ऐसी टिप्पणियां करने वाले लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।”
उन्होंने बताया कि नागपुर में भड़के दंगों के सिलसिले में 300 से ज़्यादा सोशल मीडिया अकाउंट की जांच की गई है। इनमें से 140 अकाउंट में आपत्तिजनक पोस्ट और वीडियो पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इन सभी के खिलाफ़ मामला दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है।
डीसीपी ने बताया कि आपत्तिजनक सामग्री नागपुर के बाहर के अकाउंट से प्रसारित की गई थी। उन्होंने बताया, “कुछ पोस्ट के जरिए दंगों के लिए समर्थन जताया गया है। इस अकाउंट की जांच की जा रही है और यह भी देखा जा रहा है कि ये अकाउंट देश के बाहर के हैं या नहीं। इसके साथ ही मुख्य आरोपी फहीम खान के सोशल मीडिया अकाउंट की भी जांच की गई है। उसके अकाउंट पर भी आपत्तिजनक सामग्री पाई गई है और साइबर विभाग ने इस संबंध में भी मामला दर्ज किया है।”
उन्होंने कहा कि पुलिस नागपुर हिंसा में बांग्लादेश का एंगल तलाशने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “सिर्फ़ इसलिए कि किसी ने पोस्ट में बांग्लादेश लिख दिया, इसका मतलब यह नहीं है कि वह बांग्लादेश से जुड़ा हुआ है। इसके लिए पूरी जांच करनी होगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि नागपुर दंगों के मामले में अब तक चार एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें 50 से ज़्यादा आरोप हैं। और भी एफआईआर दर्ज की जाएंगी। इससे पहले, महाराष्ट्र राज्य साइबर विभाग के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के कार्यालय ने बुधवार रात को एक मीडिया विज्ञप्ति जारी कर कहा कि फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और यूट्यूब पर आपत्तिजनक सामग्री के 140 से ज़्यादा मामलों की पहचान की गई है और उनकी रिपोर्ट की गई है। जवाब में, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम, 2000 की धारा 79(3)(बी) के तहत ऐसी सामग्री को तुरंत हटाने की सुविधा के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। इसके अलावा, इन खातों को संचालित करने वाले व्यक्तियों की वास्तविक पहचान उजागर करने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), 2023 की धारा 94 के तहत नोटिस जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की भड़काऊ सामग्री फैलाने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।