बदलापुर, 22 अगस्त
ठाणे के बदलापुर में दो छोटी बच्चियों के साथ हुई घिनौनी वारदात के बाद महाराष्ट्र सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है। इस घटना के बाद महाविकास अघाड़ी के नेताओं की ओर से बुलाई गई बैठक में 24 अगस्त को महाराष्ट्र बंद करने का आह्वान किया गया है। जानकारी के मुताबिक इस बंद में सभी प्रमुख विपक्षी पार्टियां शामिल होंने वाली हैं। महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने कहा है कि एकनाथ शिंदे सरकार बदलापुर घटना में अपनी कार्रवाई में देरी कर रही है और इस मामले पर सरकार की प्रतिक्रिया दुर्भाग्यपूर्ण है। साथ ही महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने साफ कहा कि विपक्षी दल इस मामले में कोई राजनीति नहीं कर रहा है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने डॉक्टरों, वकीलों, छात्रों सभी से इस बंद में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकार पर चढ़ा सत्ता का नशा उतारना जरूरी है। नाना पटोले ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बदलापुर में हुए इस यौन शोषण ने समाज को हिला कर रख दिया है। आज महाराष्ट्र में छोटी बच्चियां भी सुरक्षित नहीं हैं, जो बहुत ही चिंताजनक है। यह घटना महाराष्ट्र का अपमान है। प्रारंभिक तौर पर ऐसा लगता है कि सरकार ने इस मामले को दबाने की कोशिश की है क्योंकि यह शिक्षण संस्थान बीजेपी और संघ से जुड़ा है। इसी वजह से इस मामले को छिपाने के प्रयास हो रहे हैं। पटोले ने स्पष्ट किया कि वे इस घटना पर राजनीति नहीं करना चाहते, लेकिन सत्ता का दुरुपयोग साफ नजर आ रहा है। उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र की छवि लगातार खराब हो रही है। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहू, फुले, और अंबेडकर के विचारों से प्रेरित महाराष्ट्र को अपमानित किया जा रहा है, जो अस्वीकार्य है। हम इस घटना की कड़ी निंदा करते हैं।
शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की नेता सुप्रिया सुले ने बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग की है। दरअसल फडणवीस के पास गृह मंत्रालय का भी जिम्मा है। सुप्रिया सुले ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार पर महिला सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि सरकार तो पार्टियों को तोड़ने में व्यस्त है, लिहाजा उसके पास आम लोगों के लिए समय नहीं है। सुप्रिया सुले ने कहा कि स्कूल में घटना के तत्काल बाद यदि शिक्षा मंत्री ने कार्रवाई की होती तो आंदोलन की जरूरत नहीं पड़ती। यह दर्शाता है कि यह सरकार महिलाओं की सुरक्षा के बारे में बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। सरकार आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय का इस्तेमाल कर घरों, पार्टियों को तोड़ने में व्यस्त है। बारामती से सांसद सुले ने घटना को लेकर फडणवीस की आलोचना की और पूछा कि शक्ति कानून का क्या हुआ जो पहले लाया गया था।