
नई दिल्ली,31 मार्च 2025
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सरकार संघीय शिक्षा ढांचे को कमजोर कर शिक्षा व्यवस्था पर प्रहार कर रही है। BJP-RSS से जुड़े लोग जनता को शिक्षा से दूर कर रहे हैं और भारत की शिक्षा व्यवस्था की हत्या बंद होनी चाहिए। अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ में लिखे लेख में उन्होंने 89,000 स्कूलों के बंद होने और बीजेपी-आरएसएस से जुड़े लोगों की बड़े पैमाने पर भर्ती जैसे मुद्दों को उठाया।सोनिया गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा का केंद्रीकरण, व्यवसायीकरण और सांप्रदायिकीकरण कर रही है।
उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह राज्य सरकारों को महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों से बाहर रखकर शिक्षा के संघीय ढांचे को कमजोर कर रही है। उन्होंने लिखा कि पिछले 11 वर्षों से अनियंत्रित केंद्रीकरण इस सरकार की कार्यप्रणाली की खास विशेषता रही है, लेकिन इसका सबसे बुरा प्रभाव शिक्षा क्षेत्र पर पड़ा है। 2019 के बाद से केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की बैठक नहीं हुई है, जिसमें केंद्र और राज्य के शिक्षा मंत्री शामिल होते हैं। यह बैठक आखिरी बार सितंबर 2019 में हुई थी। सोनिया गांधी ने सरकार पर लोकतांत्रिक परामर्श की अवहेलना करने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य सरकारों से परामर्श किए बिना NEP 2020 लागू कर दिया गया।
उन्होंने शिक्षा के व्यावसायीकरण, 2014 से अब तक 89,441 स्कूलों के बंद होने, राज्यों की शक्तियों के हनन, सर्व शिक्षा निधि जारी न करने, पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों में बदलाव, संविधान की प्रस्तावना को हटाने, महात्मा गांधी की हत्या का जिक्र न करने, विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की एकतरफा नियुक्ति, विश्वविद्यालयों को ऋण पर निर्भर बनाने से छात्रों की फीस बढ़ने, पेपर लीक की बढ़ती घटनाओं, NTA और NAAC की विफलता और बीजेपी-आरएसएस पृष्ठभूमि वाले प्रोफेसरों की बड़े पैमाने पर भर्ती जैसे मुद्दों को उठाया। उन्होंने कहा कि BJP-RSS देश की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर जनता को शिक्षा से दूर कर रहे हैं।खबर को समाचार प्रारूप में संशोधित कर दिया गया है। यदि कोई और बदलाव या सुधार चाहिए तो बताएं।






