पटना, 31 मार्च 2025
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि उन्होंने दो बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) छोड़कर “गलतियां” कीं, साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि ऐसा दोबारा नहीं होगा।
बापू सभागार में सहकारिता विभाग के एक कार्यक्रम के दौरान, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी उपस्थित थे, सीएम नीतीश ने अपनी पिछली राजनीतिक उलटफेरों को स्वीकार किया, लेकिन कहा, “मैंने दो बार गलती की, लेकिन यह फिर नहीं होगा।”
सीएम नीतीश ने बिहार में बड़े पैमाने पर हुए लाभ का श्रेय सहकारी क्षेत्र को दिया, विशेष रूप से केंद्रीय सहकारिता मंत्री के रूप में अमित शाह के नेतृत्व में। उन्होंने कहा, “अमित शाह के कार्यकाल के दौरान शुरू की गई कई योजनाओं से बिहार को लाभ हुआ है और इनसे देश भर के लोगों को मदद मिली है।”
सीएम नीतीश ने पूर्व सीएम लालू प्रसाद और राबड़ी देवी पर निशाना साधते हुए उन पर 2005 से पहले राज्य की प्रगति को अवरुद्ध करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि उनके शासन में लोग शाम के बाद अपने घरों से बाहर निकलने में डरते थे, तथा उन्होंने इसकी तुलना अपने शासन में बदले परिदृश्य से की।
मुख्यमंत्री नीतीश ने जीविका योजना को अपनी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि इसकी सफलता ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार को देश भर में आजीविका योजना को लागू करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, “स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के बिहार मॉडल को अब राष्ट्रीय मान्यता मिल गई है।”
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री शाह पटना में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे, जहां उन्होंने राज्य में करोड़ों रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी घोषणा की कि एनडीए 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेगा। उन्होंने मतदाताओं से एनडीए को भारी बहुमत से पुनः चुनने का आग्रह किया तथा बिहार में और अधिक विकास एवं स्थिरता का वादा किया।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी सहित एनडीए के कई अन्य नेता उपस्थित थे।