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राज्यसभा में भी वक्फ संशोधन विधेयक पास, राष्ट्रपति के साइन से बन जायेगा कानून

नई दिल्ली, 4 अप्रैल 2025:

लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी वक्फ संशोधन विधेयक मैराथन बहस के बाद पास हो गया। अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने के बाद ये कानून का रूप ले लेगा। राज्यसभा में विधेयक के पक्ष में 128 और विपक्ष में 95 वोट पड़े। दोपहर एक बजे रखा गया विधेयक रात 2.32 बजे पास हो सका।

रात 2.32 बजे विधेयक पास हुआ, पक्ष में 128 और विपक्ष में पड़े 95 मत

सुर्खियों में घिरा वक्फ संशोधन विधेयक केंद्र सरकार की उपलब्धियों से आखिरकार जुड़ ही गया। लोकसभा में पहले दिन रखे गए इस विधेयक के पक्ष में 288 और विपक्ष में 232 मत पड़े थे। इसे पास होने में रात दो बजे का वक्त हो गया था।ऐसी ही मैराथन बहस की उम्मीद राज्यसभा में थी और हुआ भी वही राज्यसभा में बिल पर चर्चा पूरी होने पर रात 2 बजे के बाद वोटिंग कराई गई। पक्ष में 128 और विपक्ष में 95 वोट पड़ने और 12 घंटे से ज्यादा की चर्चा के बाद रात 2.32 बजे राज्यसभा से वक्फ विधेयक पारित हो गया। चर्चा के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष की ओर से कई मौकों पर गहमागहमी की स्थिति भी देखने को मिली।

रिजिजू ने पेश किया विधेयक, कहा …मैनेजमेंट सही हो तो गरीब मुसलमानों को मिलेगा लाभ

राज्यसभा में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार दोपहर एक बजे राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश किया। रिजिजू ने 2006 में आई सच्चर कमिटी की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय देश में 4.9 लाख वक्फ संपत्तियां थी, जिनसे होने वाली आय केवल 163 करोड़ रुपये सालाना थी। आज के दिन 8.72 लाख वक्फ संपत्तियां हैं। अगर इनको ठीक से मैनेज किया जाए तो हजारों करोड़ रुपये की इनकम हो सकती है, जिसका फायदा गरीब मुसलमानों को मिल सकता है।

नड्डा बोले-भटकाने की कोशिश कर रहा विपक्ष

सदन के नेता जेपी नड्डा ने इस बिल को राष्ट्रहित में बताया है। बिल वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का सही मैनेजमेंट करने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है, ताकि गरीब मुस्लिमों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। जेपी नड्डा ने कहा, ‘विपक्ष मुद्दे को भटकाने की कोशिश कर रहा है। हमारी सरकार लोकतांत्रिक परंपराओं को अपनाकर अपना काम कर रही है।

विपक्ष की ओर से दिग्गज संभाले रहे मोर्चा

विपक्ष की ओर से मल्लिकार्जुन खरगे, रामगोपाल यादव, कपिल सिब्बल समेत दिग्गज नेताओं ने विधेयक का विरोध किया। विधेयक पर कांग्रेस की ओर से चर्चा शुरू करते हुए सैयद नसीर हुसैन ने कहा, विधेयक मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है। सरकार सांप्रदायिक तनाव भड़काना चाहती है। हुसैन ने कहा, जेपीसी में विपक्ष किसी भी संशोधन को इसमें जगह नहीं दी गई। विधेयक पारित होने से मुस्लिम देश में दूसरे दर्जे के नागरिक बन जाएंगे। आप सांसद संजय सिंह ने इसे मुसलमानों के संवैधानिक अधिकारों पर हमला बताया। वहीं अन्य दल भी बहस में अपने तर्क देकर इसे ध्रुवीकरण बताते रहे।

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