नई दिल्ली, 9 अप्रैल 2025
दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार, नई दिल्ली के उत्तरी जिले के साइबर थाने ने एक साइबर रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसमें दूरसंचार विभाग, सीबीआई और ईडी अधिकारी बनकर एक महिला से 8.10 लाख रुपये ऐंठने का आरोप है।
उपायुक्त राजा बंथिया के अनुसार मंगलवार को आरोपियों ने महिला, उसकी बेटी और पिता को लगभग 48 घंटे तक बंधक बनाकर रखा और उसके खिलाफ दर्ज फर्जी मामलों से उसका नाम हटाने के बदले में 8.10 लाख रुपये की जबरन वसूली की।
एफआईआर के अनुसार, 24 मार्च को शिकायतकर्ता ने बताया कि उसे एक अज्ञात नंबर से कॉल आया, जिसमें खुद को दिल्ली के दूरसंचार विभाग से होने का दावा किया गया। कॉल करने वाले ने उसे फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल करने की धमकी दी।
डिप्टी कमिश्नर के बयान में कहा गया है, “इसके अलावा, उन्हें कुछ अज्ञात व्हाट्सएप नंबरों से वीडियो कॉल आए, जिनमें खुद को ईडी और सीबीआई विभागों से बताया गया। धोखेबाजों ने महिला शिकायतकर्ता को कुछ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उसकी संलिप्तता के बारे में धमकाया और उसे गिरफ्तार करने की धमकी दी।”
अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों ने 5 मार्च से 7 मार्च के बीच महिला को सीबीआई और ईडी के जाली दस्तावेज भेजे, जिन पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर लगी थी, जिससे उसके परिवार को ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ का सामना करना पड़ा।
उत्तरी जिला साइबर पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में कॉल का पता जमरूदपुर, ईस्ट ऑफ कैलाश और ग्रेटर कैलाश इलाकों से चला। इसके बाद पुलिस ने कॉल रिकॉर्ड विवरण प्राप्त करने और पैसे का पता लगाने के बाद स्थानों पर छापेमारी की, जिसके परिणामस्वरूप 31 मार्च को तीन आरोपियों – राजा मंडल (27), जो खाताधारक था, तुषार थापा (23), और सौरभ तिवारी (23), दोनों खाता प्रदाता/एजेंट – को गिरफ्तार किया गया और चार मोबाइल फोन जब्त किए गए।
उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त ने कहा, “प्रारंभिक जांच से पता चला है कि इस मामले में पीड़िता को बहुत ही पेशेवर और व्यवस्थित तरीके से ठगा गया है। तकनीकी निगरानी और मैनुअल इंटेलिजेंस लगातार विकसित की गई है।”
3 मार्च को चाणक्यपुरी और आरके पुरम इलाके में छापेमारी कर एक अन्य व्यक्ति अनूप कुमार तिवारी (23) को भी गिरफ्तार किया गया और एक अन्य मोबाइल फोन जब्त किया गया।
पुलिस ने कहा, “उससे विस्तार से पूछताछ की गई और उसने खुलासा किया कि उसने अपने खाते में लगभग 18 लाख रुपये भी प्राप्त किए हैं। इसके अलावा, आरोपी अपनी कार, महिंद्रा थार को वहीं छोड़कर मौके से भाग गए।” उपायुक्त बंथिया ने बताया कि तिवारी ने दूसरों के निर्देश पर बैंक खाते खोले थे और खाताधारक होने के एवज में उसे कमीशन भी मिल रहा था। इस मामले की जांच जारी है तथा फरार सह-आरोपियों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं।