
बेल्जियम ,14 अप्रैल 2025
भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी, जिस पर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के साथ लगभग ₹14,000 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप है, को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी 12 अप्रैल, 2025 को हुई थी और इसे भारत में धोखाधड़ी का शिकार हुए लोगों द्वारा राहत और खुशी के रूप में देखा गया। हालांकि, इस मामले में व्हिसिल-ब्लोअर हरिप्रसाद एसवी ने कहा कि चोकसी को भारत वापस लाना आसान नहीं होगा।
चोकसी, जो इलाज के बहाने बेल्जियम गया था, स्विट्जरलैंड भागने की योजना बना रहा था, लेकिन भारतीय जांच एजेंसियों के हाथों फंस गया। इस पर हरिप्रसाद ने कहा कि यह अच्छी खबर है, लेकिन चोकसी का प्रत्यर्पण एक कठिन प्रक्रिया होगी। उन्होंने बताया कि चोकसी, जैसा कि विजय माल्या ने किया था, यूरोप के सबसे अच्छे वकीलों को नियुक्त करेगा, जिससे कानूनी प्रक्रिया लंबी और कठिन हो सकती है।
हरिप्रसाद ने आगे कहा कि चोकसी के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया उस देश के कानूनों पर निर्भर करेगी, जिसमें वह है। यह प्रक्रिया समय ले सकती है, लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि भारतीय सरकार अंततः चोकसी को भारत वापस लाने में सफल होगी। उन्होंने यह भी कहा कि केवल चोकसी को भारत लाना ही नहीं, बल्कि उसने जो पैसे लूटा है, उन्हें भी वापस लाना जरूरी है।
चोकसी की कंपनी गिटांजलि जेम्स ने कुछ बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर PNB के साथ धोखाधड़ी की थी, जिसमें धोखाधड़ी से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) जारी किए गए थे और विदेशों से ऋण को बढ़ाने की प्रक्रिया का उल्लंघन किया गया था। इस मामले में अब तक ED और CBI ने कई आरोपपत्र दायर किए हैं।
हरिप्रसाद ने निष्कर्ष में कहा कि प्रत्यर्पण प्रक्रिया कठिन हो सकती है, लेकिन वह आशावादी हैं कि भारतीय सरकार न्याय दिलाने में सफल होगी।






