
नई दिल्ली,19 अप्रैल 2025
देश के दिग्गज उद्योगपति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी आज अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस खास मौके पर यह जानना रोचक है कि मुकेश अंबानी भारत के पहले खरबपति कब और कैसे बने। उनकी गिनती लंबे समय से दुनिया के सबसे अमीर लोगों में होती रही है।
साल 2007 में मुकेश अंबानी ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की थी। अक्टूबर 2007 में उन्होंने बिल गेट्स, कार्लोस स्लिम और वॉरेन बफेट जैसे वैश्विक दिग्गजों को पीछे छोड़ते हुए कुछ समय के लिए दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति का स्थान भी हासिल कर लिया था। उस समय उनकी कुल संपत्ति करीब 63.2 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई थी, जो उस समय गेट्स और स्लिम की संपत्ति से भी अधिक थी।
मुकेश अंबानी का सफर 1981 में शुरू हुआ, जब उन्होंने अपने पिता धीरूभाई अंबानी के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज में काम करना शुरू किया। उस समय कंपनी टेक्सटाइल, पेट्रोकेमिकल और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में थी। अंबानी के नेतृत्व में कंपनी ने रिटेल, दूरसंचार और डिजिटल सेवाओं तक में तेज़ी से विस्तार किया।
2007 तक रिलायंस इंडस्ट्रीज भारत की पहली कंपनी बन गई जिसने 100 बिलियन डॉलर का मार्केट कैप पार किया। उसी दौरान मुकेश और अनिल अंबानी ने मिलकर भारत के सबसे अमीर परिवार का खिताब भी अपने नाम किया था। अनिल अंबानी की संपत्ति भी उस समय 38.5 अरब डॉलर तक पहुंच गई थी।
टेलीकॉम सेक्टर में जियो की शुरुआत ने मुकेश अंबानी की कामयाबी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया। आज भी, वैश्विक मंदी के दौर के बावजूद, वे दुनिया के टॉप 20 अमीरों में शामिल हैं। उनकी व्यावसायिक दूरदर्शिता और आक्रामक रणनीति ने उन्हें भारत का पहला खरबपति बनाया और उन्हें वैश्विक कारोबार की ऊंचाइयों तक पहुंचाया।






