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रक्षामंत्री बोले… सांसद खेल महाकुंभ से मिलेंगे अंतरराष्ट्रीय परिणाम

लखनऊ, 19 अप्रैल 2025:

यूपी की राजधानी स्थित केडी सिंह बाबू स्टेडियम में चार दिन तक चलने वाले सांसद खेल महाकुंभ का आगाज हुआ। बतौर स्थानीय सांसद देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया। इस मौके पर खेल क्षेत्र में लखनऊ के गौरवशाली अतीत की बात कही और महाकुंभ के जरिये राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय परिणाम आने की उम्मीद जताई।

सांसद खेल महाकुंभ का किया आगाज, 22 अप्रैल तक चलेंगी प्रतियोगिताएं

केडी सिंह बाबू स्टेडियम में चलने वाले सांसद खेल महाकुंभ में 22 अप्रैल तक वॉलीबॉल, फुटबॉल, बास्केटबॉल, हॉकी,कबड्डी, ताइक्वांडो, बॉक्सिंग और एथलेटिक्स की प्रतियोगिताएं होंगी। लखनऊ संसदीय क्षेत्र में गत 12 से 15 अप्रैल तक हुईं खेल प्रतियोगिताओं में चयनित खिलाड़ी यहां अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।

देश मे लखनऊ को मिला था पहला एस्ट्रोटर्फ, खिलाड़ियों ने विदेशों में लहराया था परचम

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ के गौरवशाली अतीत का जिक्र करते हुए कहा कि लखनऊ में आजकल आईपीएल के मुकाबले हो रहे हैं, मगर एक समय था जब इसी स्टेडियम में शीशमहल ट्रॉफी नाम से एक क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन होता था और टीम इंडिया के बड़े खिलाड़ी लखनऊ में खेलते नजर आते थे। लखनऊ शहर अपनी स्पोर्टिंग कल्चर के लिए केवल यूपी में ही नहीं बल्कि देश विदेश में जाना जाता था। जिन महान हाकी खिलाड़ी केडी सिंह बाबू के नाम से यह स्टेडियम जाना जाता है उन्होंने यहां काफ़ी लम्बा समय बिताया। हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले ध्यानचंद ने भी लखनऊ की खेल संस्कृति को संवारा है। उनके बेटे अशोक कुमार और विख्यात ओलंपियन जमन लाल शर्मा की यह कर्म भूमि रही है। भारत का पहला एस्ट्रो टर्फ भी इसी लखनऊ के स्पोर्ट्स कालेज में अस्सी के दशक में लगाया गया। आजादी के बाद पहली बार नेशनल गेम्स का आयोजन यहां किया गया।

गुजरात मे हो रहे ओलम्पिक के प्रयास, यूपी में भी हो नेशनल गेम्स की कोशिश

आज पूरा देश, नेशन फर्स्ट को पहले रखकर खिलाड़ियों की तरह सोच रहा है।हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2047 तक विकसित भारत के निर्माण का लक्ष्य रखा है। भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में हर प्रदेश और देश के हर जिले के प्रत्येक नागरिक की भूमिका है। जहां तक उत्तर प्रदेश का सवाल है तो मेरा मानना है कि मुख्यमंत्री को अगले नेशनल गेम्स के आयोजन के लिए प्रयास करना चाहिए। हमारी सरकार 2036 में होने वाले ओलंपिक खेलों का आयोजन गुजरात में करने के लिए पूरा प्रयास कर रही है वहीं अन्य विश्व स्तरीय खेलों का भी आयोजन भारत में हो इसका भी प्रयास चल रहा है

स्पोर्ट्स फ्रेंडली नीतियों से प्रतिभाओं को मिल रहा पूरा अवसर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से भारत के कई सांसदों ने अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में खेल प्रतियोगिताएं आयोजित करके समाज के विकास के लिए एक नई राह तैयार की है। आज लखनऊ का नाम भी उस कड़ी में जुड़ गया है। आज जो खेल महाकुंभ यहाँ आयोजित किया जा रहा है उसके परिणाम आने वाले वर्षों में साफ़ दिखाई देंगे जब लखनऊ के युवा खिलाड़ी बड़ी संख्या में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतेंगे। जमीनी स्तर पर लगभग 1,000 खेलो इंडिया केंद्रों में हज़ारों खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं। आज के बदलते भारत में छोटे शहरों की प्रतिभाओं को खुलकर आगे आने का मौका मिल रहा है। इस बदलाव के पीछे एक बड़ी वजह केंद्र और हमारी उत्तर प्रदेश सरकार की स्पोर्ट्स फ्रेंडली नीतियां भी हैं।

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