लखनऊ, 25 अप्रैल 2025:
यूपी की राजधानी स्थित सरकारी आवास पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार की शाम अफसरों के साथ बैठक कर ‘उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम’ के गठन के संबंध में प्रेजेंटेशन का जायजा लिया। सीएम ने राज्य में कार्यरत आउटसोर्सिंग कार्मिकों की सेवा, श्रम अधिकारों एवं पारिश्रमिक की सुरक्षा का ख्याल रखते हुए ‘उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम’ (UPCOS) के गठन को हरी झंडी दे दी।
आउटसोर्स कर्मियों के श्रम का सम्मान सरकार की प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि आउटसोर्सिंग कर्मियों द्वारा जनहित के विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं। राज्य सरकार उनके श्रम का सम्मान करती है और उनकी सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी कर्मचारी को सेवा प्रदाता एजेंसी द्वारा तब तक सेवा से नहीं हटाया जाए, जब तक कि संबंधित विभाग के सक्षम अधिकारी की संस्तुति न हो। प्रत्येक माह की पांच तारीख तक सभी कार्मिकों के बैंक खाते में पूरा पारिश्रमिक जमा हो जाए। साथ ही, ईपीएफ व ईएसआई की धनराशि भी समय से जमा हो।
आरक्षण प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करें
नियमों के उल्लंघन पर एजेंसियों पर ब्लैकलिस्टिंग, डिबार, पेनाल्टी व वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। निगम का गठन करते हुए स्पष्ट प्रावधान किए जाने चाहिए। आउटसोर्सिंग निगम के माध्यम से होने वाली सभी नियुक्तियों में नियमानुसार आरक्षण प्रावधानों का पालन किया जाए। इसी प्रकार मेडिकल सुविधा, मातृत्व अवकाश, दुर्घटना बीमा, पेंशन एवं पारिवारिक पेंशन सहित सभी लाभ निगम के माध्यम से सुनिश्चित किए जाएं।
सुगठित ढांचे की तरह काम करे निगम
इस निगम के माध्यम से तीन पक्षीय समझौते के तहत विभाग, निगम व आउटसोर्सिंग एजेंसी के बीच समन्वित रूप से सभी प्रक्रियाएं संचालित होंगी। पारदर्शी चयन प्रक्रिया, जेम पोर्टल से एजेंसियों का चयन, मेरिट आधारित भर्ती, आधुनिक तकनीक का प्रयोग, ईपीएफ/ईएसआई की समयबद्ध जमा व निगरानी तथा आरक्षण नियमों का पालन सुनिश्चित होगा। निगम एक सुगठित ढांचा के तहत कार्य करेगा, जिसमें बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स, सलाहकार समिति, राज्य व जिला स्तरीय कमेटियां गठित होंगी।
तीन साल के लिए चुनी जाएं एजेंसियां
जेम पोर्टल द्वारा तीन वर्षों के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन किया जाना उचित होगा, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्यरत वर्तमान कार्मिकों की सेवाएं बाधित न हों। राज्य सरकार सभी कार्मिकों की गरिमा, सुरक्षा और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित है। ‘उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम’ न केवल प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता लाएगा, बल्कि लाखों आउटसोर्सिंग कार्मिकों के जीवन को स्थायित्व व भरोसा प्रदान करेगा।