
श्रीनगर, 26 अप्रैल 2025
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को स्थगित करने के फैसले का समर्थन करते हुए इसे जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ हुआ सबसे बड़ा अन्याय बताया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार कभी भी इस संधि के पक्ष में नहीं रही है और उनका मानना है कि यह समझौता शुरू से ही राज्य के हितों के खिलाफ रहा है। श्रीनगर में पर्यटन, व्यापार और उद्योग संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में उमर अब्दुल्ला ने स्पष्ट कहा कि ईमानदारी से कहें तो हम कभी भी सिंधु जल संधि के समर्थक नहीं रहे हैं।
उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की और कहा कि यह समय है कि राज्य के साथ वर्षों से चले आ रहे अन्याय को सुधारा जाए। भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए सिंधु जल संधि को स्थगित करने के साथ-साथ अन्य कड़े फैसले भी लिए हैं जिनमें 48 घंटे के भीतर सभी पाकिस्तानियों को भारत छोड़ने का आदेश और उनके वीजा रद्द करना शामिल है।
पाकिस्तान की तरफ से इस फैसले को लेकर तीखी प्रतिक्रिया आई है, लेकिन भारत सरकार अपने रुख पर कायम है। उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम हमले में बहादुरी दिखाने वाले स्थानीय टट्टूवाले सैयद आदिल हुसैन शाह की भी खुलकर तारीफ की और कहा कि वह न केवल कश्मीरियत बल्कि कश्मीरी मेहमाननवाजी के प्रतीक हैं।
उन्होंने कहा कि यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम उन्हें और उनके परिवार को सम्मानित करें और उनकी बहादुरी को हमेशा याद रखें। मुख्यमंत्री का यह बयान उस समय आया है जब केंद्र सरकार ने आतंकी हमले में पाकिस्तान की भूमिका सामने आने के बाद निर्णायक कदम उठाए हैं और पूरे देश में आक्रोश की लहर है।






