नई दिल्ली, 27 अप्रैल 2025
पहलगाम आतंकवादी हमले के बीच भारत-पाक में बढ़ रही तकरार में भारतीय नौसेना ने अपनी ताकत का अभ्यास अरब सागर में किया है। भारतीय नौसेना के युद्धपोतों ने हाल ही में कई सफल एंटी-शिप मिसाइल फायरिंग की है, भारतीय नौसेना के के अनुसार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भारतीय नौसेना के प्रवक्ता ने कहा कि फायरिंग लंबी दूरी के सटीक आक्रामक हमलों के लिए प्लेटफार्मों, प्रणालियों और चालक दल की परिचालन तत्परता को फिर से सत्यापित करने और प्रदर्शित करने के लिए की गई थी।इस अभ्यास का उद्देश्य नौसेना की युद्ध तत्परता और भारत के समुद्री हितों की रक्षा करने की उसकी क्षमता का प्रदर्शन करना था। युद्धपोतों को अरब सागर में तैनात किया गया था।पोस्ट में कहा गया है, “भारतीय नौसेना के जहाजों ने लंबी दूरी के सटीक आक्रामक हमले के लिए प्लेटफार्मों, प्रणालियों और चालक दल की तत्परता को पुनः प्रमाणित करने और प्रदर्शित करने के लिए कई सफल एंटी-शिप फायरिंग की। भारतीय नौसेना किसी भी समय, कहीं भी, किसी भी तरह से राष्ट्र के समुद्री हितों की रक्षा करने के लिए युद्ध के लिए तैयार, विश्वसनीय और भविष्य के लिए तैयार है।”यह बयान जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर आया है, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था।इससे पहले, भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस सूरत ने अरब सागर में मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एमआर-एसएएम) वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का सफल परीक्षण किया।
यह परीक्षण अरब सागर में पाकिस्तानी नौसेना द्वारा निर्धारित सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल के परीक्षण से पहले हुआ है। एमआर-एसएएम सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों और अन्य हवाई लक्ष्यों के खिलाफ अत्यधिक प्रभावी है।
भारतीय नौसेना ने एक्स पर लिखा, “भारतीय नौसेना के नवीनतम स्वदेशी निर्देशित मिसाइल विध्वंसक आईएनएस सूरत ने समुद्र में लक्ष्य पर सफलतापूर्वक सटीक सहयोगात्मक हमला किया, जो हमारी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में एक और मील का पत्थर है।”
बयान के अनुसार, यह उपलब्धि स्वदेशी युद्धपोत डिजाइन, विकास और संचालन में भारतीय नौसेना की बढ़ती हुई क्षमता को दर्शाती है तथा रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के प्रति राष्ट्र की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
पी15बी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर परियोजना का चौथा और अंतिम जहाज आईएनएस सूरत दुनिया के सबसे बड़े और सबसे आधुनिक विध्वंसक जहाजों में से एक है। इसमें 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री है और यह अत्याधुनिक हथियार-सेंसर पैकेज और उन्नत नेटवर्क-केंद्रित क्षमताओं से लैस है।