अयोध्या, 28 अप्रैल 2025:
यूपी में रामलला की नगरी अयोध्याधाम पहली दफा शाही जुलूस निकलेगा। अक्षय तृतीया यानी 30 अप्रैल को निकलने वाले इस जुलूस में हाथी,घोड़े, बैंड रथ की भव्यता के अलावा वैदिक पूजन, सरयू स्नान,राम रक्षा स्तोत्र का पाठ आधी शामिल होगा। सबसे खास बात ये कि इस शाही जुलूस की अगुवाई हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन करेंगे। जो बजरंग बली के रामलला से मधुर मिलन के साक्षी बनेंगे।
अक्षय तृतीया पर दिखेगी शाही जुलूस की भव्यता
अयोध्याधाम स्थित हनुमान गढ़ी के गद्दीनशीन महंत प्रेमदास महाराज अक्षय तृतीया पर निकलने वाले शाही जुलूस का खाका तैयार कर लिया है। उन्होंने बताया कि 90 के दशक में वह राम मंदिर आंदोलन में शामिल हुए थे। प्राण प्रतिष्ठा आयोजन में निमंत्रण भी मिला था, लेकिन वे उसमें नहीं गए थे क्योंकि उस समारोह में हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीनों को पीछे बैठने का निमंत्रण दिया गया था। सम्मान और गरिमा को सर्वोच्च मानते हुए, पांचों प्रमुखों ने फैसला लिया था कि वे आयोजन में शामिल नहीं होंगे। अब अक्षय तृतीया के अवसर पर भव्य ऐतिहासिक जुलूस के साथ वे रामलला के दर्शन करने जाएंगे।
घोड़ा, हाथी, बैंड व रथ होंगे शामिल, सरयू स्नान कर रामलला के मंदिर में होगा वैदिक पूजन
महंत प्रेमदास महाराज ने बताया कि शाही जुलूस 30 अप्रैल को सुबह सात बजे निकलेगा। घोड़ा, हाथी के साथ बैंड व सजे धजे रथ साथ चलेंगे। जो संत चल सकते हैं वो पैदल और बाकी वाहनों पर सवार होंगे। पुराने परिक्रमा पथ से आगे बढ़ते हुए सरयू स्नान व आचमन होगा। इसके बाद वैदिक व निशान पूजन किया जाएगा। रामलला के गर्भगृह में पूजा अर्चना की जाएगी। छप्पन भोग लगाकर रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करेंगे। ये शाही जुलूस राम को भरत समान प्रिय हनुमान जी के रामलला से मधुर मिलन का साक्षी बनेगा।
महंत बोले…रामलला ने पुकारा, हनुमान जी की कृपा से जा रहा हूं
गद्दीनशीन महंत प्रेमदास कहते हैं कि हनुमान जी महाराज के आदेश पर ही वह रामलला के दर्शन करने जा रहे हैं। जब मेरे रामलला ने पुकारा तब जा रहा हूं। इसके पीछे हनुमान जी महाराज की कृपा है। तीन महीने से रामलला के दर्शन का विचार चल रहा है। गद्दीनशीन होने के नाते हनुमानगढ़ी की परंपरा का निर्वहन करना होता है। हमने अपनी इच्छा हनुमानगढ़ी के पंचों के समक्ष रखी तो सभी ने एक राय होकर इसे स्वीकार किया। कहा कि रामलला से ‘ सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया’ की कामना करेंगे। देश की सुरक्षा, शांति, समृद्धि के लिए सिर नवाएंगे। कहा कि रामलला के दर्शन उनके लिए साधना का चरम बिंदु है।