
इस्लामाबाद | 3 मई 2025:
पाकिस्तान आर्थिक संकट की गहराइयों में डूबा हुआ है, लेकिन उसके सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की संपन्नता इसकी बिल्कुल उलटी तस्वीर पेश करती है। हाल ही में सामने आई जानकारी के अनुसार, असीम मुनीर की घोषित नेटवर्थ करीब 6.77 करोड़ रुपये (800,000 अमेरिकी डॉलर) बताई जा रही है, लेकिन जानकारों का कहना है कि उनकी वास्तविक संपत्ति इससे कई गुना अधिक हो सकती है।
पाकिस्तानी सेना देश की सुरक्षा के साथ-साथ एक विशाल बिजनेस साम्राज्य भी संचालित करती है। यह साम्राज्य डेयरी, ट्रांसपोर्ट, रियल एस्टेट, बैंकिंग, सीमेंट और हाउसिंग जैसे क्षेत्रों में फैला हुआ है। सेना के अधीन फौजी फाउंडेशन, बहरिया फाउंडेशन, शाहीन फाउंडेशन और आर्मी वेलफेयर ट्रस्ट जैसे संस्थान काम करते हैं। इन संस्थानों के नाम भले ही कल्याणकारी लगते हों, लेकिन ये पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में एक शक्तिशाली कॉरपोरेट ताकत बन चुके हैं।
सबसे ज्यादा मुनाफा रियल एस्टेट सेक्टर से होता है। कराची, लाहौर और इस्लामाबाद जैसे बड़े शहरों में सेना ने “राष्ट्रीय सुरक्षा” के नाम पर अधिग्रहीत जमीन पर बड़े-बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट्स तैयार किए हैं, जिन्हें डिफेंस हाउसिंग अथॉरिटी (DHA) संचालित करती है। इन प्रोजेक्ट्स की वैल्यू अरबों डॉलर में आंकी जाती है।
मशहूर लेखिका अयेशा सिद्दिका की किताब Military Inc. के अनुसार, 2007 में ही पाकिस्तानी सेना के बिजनेस वेंचर्स की वैल्यू 20 अरब डॉलर थी, जो अब बढ़कर 40 से 100 अरब डॉलर (लगभग 85 खरब रुपये) के बीच मानी जा रही है। इन सभी कमाई का कोई पारदर्शी लेखा-जोखा नहीं होता, और “नेशनल सिक्योरिटी” के नाम पर इसे गोपनीय रखा जाता है।
पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की संपत्ति का उदाहरण सामने रखते हुए असीम मुनीर की संपत्ति पर सवाल उठाए जा रहे हैं। बाजवा के कार्यकाल में उनकी संपत्ति शून्य से 13 अरब पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच गई थी, जिससे असीम मुनीर की ‘घोषित’ संपत्ति पर भी संशय गहराता है।