
नई दिल्ली, 7 मई 2025 —
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर तीखे और निर्णायक 15 कदम उठाए हैं, जिनसे पड़ोसी देश की स्थिति डांवाडोल हो गई है। 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 भारतीय सैलानी मारे गए थे। इसके जवाब में भारत ने जल, कूटनीति, व्यापार और सैन्य स्तर पर एक के बाद एक बड़े निर्णय लिए हैं।
सबसे पहले भारत ने सिंधु जल संधि को तोड़ दिया, जिससे पाकिस्तान में जल संकट गहराया है। इसके अलावा, चेनाब नदी का पानी भी रोक दिया गया, और झेलम नदी में अचानक जल प्रवाह बढ़ाकर पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बना दिए गए।
भारत ने पाकिस्तान के साथ सभी व्यापारिक समझौते रद्द कर दिए, जिससे पाकिस्तानी व्यापार जगत को भारी नुकसान हुआ है। पाकिस्तानी जहाजों के भारत से होकर गुजरने पर रोक, डाक सेवाओं पर प्रतिबंध और सभी सैन्य सलाहकारों की निष्कासन जैसे कदम भी भारत ने तेजी से उठाए।
राजनयिक स्तर पर भी भारत ने पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कोशिश की। यूएन में पाकिस्तान को समर्थन नहीं मिला, और यहां तक कि मुस्लिम देशों ने भी पाकिस्तान का साथ नहीं दिया। प्रधानमंत्री की सऊदी यात्रा के दौरान पहलगाम हमले की कड़ी निंदा हुई।
सबसे बड़ा कदम “ऑपरेशन सिंदूर” था, जिसके तहत भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की। रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए हैं। इस स्ट्राइक ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है।
इन सभी कदमों से साफ है कि भारत अब आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाए हुए है और जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की सैन्य और राजनीतिक रणनीतियां हिल चुकी हैं।