
बीजिंग, 9 मई 2025
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच एक चौंकाने वाली घटना ने भू-राजनीतिक समीकरणों में नया मोड़ ला दिया है। चीन ने उत्तर कोरिया के एक जासूस को गिरफ्तार किया है, जो आईटी कर्मी के वेश में चीन में घुसकर उसकी सैन्य खुफिया जानकारी चुरा रहा था। इस खुलासे के बाद चीन और उत्तर कोरिया के संबंधों में खटास आ गई है और भारत-पाक तनाव की पृष्ठभूमि में यह मामला और भी संवेदनशील बन गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर कोरिया के इस जासूस को चीन में लंबे समय से तैनात किया गया था और वह चीनी रक्षा मंत्रालय से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां एकत्र कर रहा था। गिरफ्तारी के बाद जासूस के पास से कई खुफिया दस्तावेज जब्त किए गए हैं। उत्तर कोरिया ने घटना के बाद चीन में मौजूद अपने संबंधित अधिकारियों को तत्काल वापस बुला लिया है, जिससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या यह कार्रवाई सीधे किम जोंग उन के आदेश पर हुई।
न्यूजवीक की एक रिपोर्ट के अनुसार, जासूस को आईटी पेशेवर के रूप में चीन भेजा गया था, लेकिन उसका असली उद्देश्य खुफिया जानकारी एकत्र करना था। चीन अब इस पूरे मामले की जांच कर रहा है कि आखिर किस स्तर की जानकारियां लीक हुई हैं और उसका इस्तेमाल कहां हो सकता है।
इस घटना ने भारत-पाक तनाव में अप्रत्यक्ष रूप से हलचल मचा दी है, क्योंकि चीन पाकिस्तान को खुलकर समर्थन दे रहा है। चीन से पाकिस्तान को मिल रहे 36 प्रतिशत हथियारों के चलते भारत पहले ही सतर्क है। वहीं, उत्तर कोरिया की इस कार्रवाई को रूस के साथ उसकी बढ़ती निकटता से भी जोड़ा जा रहा है।
विश्लेषकों का मानना है कि अगर उत्तर कोरिया और रूस की दोस्ती मजबूत होती है, तो भारत को कूटनीतिक स्तर पर इससे लाभ हो सकता है, क्योंकि रूस फिलहाल भारत के पक्ष में खड़ा दिख रहा है। वहीं, चीन को अब दो मोर्चों पर चुनौती झेलनी पड़ रही है—भारत से तनाव और उत्तर कोरिया से धोखा।