चंडीगढ़ | 13 मई 2025
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष विराम को लेकर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने एक अहम बयान दिया है। उन्होंने 10 मई को दोनों देशों के बीच हुए सीजफायर के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान अब भी आतंकवाद को अपनी नीति बनाए रखता है, तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
मनीष तिवारी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान का समर्थन किया जिसमें उन्होंने भारत-पाक तनाव पर टिप्पणी की थी। तिवारी ने कहा कि ट्रंप का बयान भले ही किसी को पसंद आए या नहीं, लेकिन वह तथ्यात्मक है। उन्होंने 1947 से 1972 के बीच के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच जब-जब तनाव बढ़ा है, वह अधिकतर जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को लेकर रहा है।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के प्रस्तावों को दोनों देशों के बीच बातचीत की नींव माना जाता रहा है। ऐसे में जब दो परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हों, तो यह स्वाभाविक है कि विश्व समुदाय मूकदर्शक नहीं बना रह सकता। इसलिए अन्य देशों का हस्तक्षेप तब आवश्यक हो जाता है जब दोनों पक्ष आपस में बातचीत के लिए तैयार नहीं होते।
तिवारी ने पहलगाम में हुए नरसंहार का भी उल्लेख किया और कहा कि इसके बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए सख्त जवाब दिया। उनके मुताबिक, यह कार्रवाई पाकिस्तान के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि अब आतंकवाद या परमाणु हथियारों की धमकी से कुछ हासिल नहीं किया जा सकता।
कांग्रेस सांसद का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत-पाकिस्तान संबंधों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता जताई जा रही है। ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने भारत-पाक के बीच संभावित परमाणु युद्ध को रोका है। तिवारी ने इसी संदर्भ में ट्रंप की भूमिका को यथार्थपरक बताया।