
नई दिल्ली | 13 मई 2025
पाकिस्तान की तरफ से लगातार हो रही आतंकवादी गतिविधियों और ड्रोन हमलों के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए जोरदार जवाब दिया। 6 मई की रात शुरू हुआ यह सैन्य अभियान सिर्फ 25 मिनट चला, लेकिन इसके प्रभाव ने पाकिस्तान को हिला कर रख दिया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के भीतर 9 आतंकी ठिकानों पर हमला कर 100 से ज्यादा आतंकियों को ढेर कर दिया। इसमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के शीर्ष आतंकी मारे गए।
सेना के इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान घबरा गया और LoC पर सीजफायर की गुहार लगाने लगा। 9 और 10 मई की दरम्यानी रात भारत ने पाकिस्तान पर 11 सर्जिकल वार किए। इन हमलों में रावलपिंडी, सरगोधा और जैकोबाबाद जैसे अहम एयरबेस को नुकसान पहुंचा। यही नहीं, इन हमलों के बाद पाकिस्तान में दो भूकंप भी दर्ज किए गए, जिससे हालात और बिगड़ गए।
10 मई की सुबह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एनसीए (NCA) की आपात बैठक बुलाई और अमेरिका से मध्यस्थता की मांग की। अमेरिका ने दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच डीजीएमओ स्तर की बातचीत कराई, जिसके बाद दोपहर में सीजफायर पर सहमति बनी।
हालांकि, भारत ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह अपनी शर्तों पर सीजफायर के लिए राजी हुआ है। भारत ने न तो जंग की शुरुआत की थी, न ही उसने पहले बातचीत की पहल की। सेना और सरकार ने एक ही उद्देश्य रखा — आतंकवाद के अड्डों को नष्ट करना और देश की सुरक्षा को सर्वोपरि रखना।
सीजफायर के इस फैसले पर सवाल उठाने वालों को समझना होगा कि भारत ने जो मकसद तय किया था, उसे पूरा किया। अब अगर पाकिस्तान ने दोबारा कोई हिमाकत की, तो भारत फिर से वही रुख अपनाने में देर नहीं करेगा। युद्ध में विजय संभव है, लेकिन नुकसान दोनों पक्षों का होता है — और भारत ने यह रणनीति से टाल दिया।