आंध्र प्रदेश, 15 मई 2025
आंध्र प्रदेश की राजनीति में बड़ा बदलाव आया है। राज्य की पहली मुस्लिम महिला एमएलसी और विधान परिषद की उपाध्यक्ष मयाना जाकिया ने YSRCP से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया है। उनके इस फैसले से YSRCP को बड़ा झटका लगा है। मयाना ने पीएम मोदी के नेतृत्व से प्रेरित होकर बीजेपी में शामिल होने का निर्णय लिया है। बीजेपी सांसद दग्गुबाती पुरंदेश्वरी ने मयाना के शामिल होने को समावेशी नेतृत्व की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है और कहा कि पार्टी सभी वर्गों के विकास पर ध्यान केंद्रित करती है।
मयाना जाकिया को आंध्र प्रदेश में मुस्लिम समुदाय का लोकप्रिय चेहरा माना जाता था। वे जुलाई 2020 में विधान परिषद की पहली मुस्लिम महिला सदस्य बनीं और नवंबर 2021 में उपसभापति के पद पर पदोन्नत हुईं। मयाना का पार्टी छोड़ना जगन मोहन रेड्डी के लिए राजनीतिक चुनौती साबित हो सकता है, खासकर तब जब YSRCP पहले ही लोकसभा और विधानसभा चुनावों में करारी हार झेल चुकी है।
पिछले साल हुए चुनावों में YSRCP का प्रदर्शन कमजोर रहा था, जिससे कई बड़े नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। इनमें वी विजयसाई रेड्डी, मोपीदेवी वेंकटरमण, बीधा मस्तान राव और आर कृष्णैया जैसे नाम शामिल हैं। कुछ नेता अब तेदेपा या बीजेपी में सक्रिय हैं।
YSRCP के लिए मयाना का जाना सिर्फ एक नेता का नहीं, बल्कि एक राजनीतिक झटका है क्योंकि वह मुस्लिम समाज में पार्टी का चेहरा थीं। उनका बीजेपी में जाना अल्पसंख्यकों के बीच पार्टी की बढ़ती पकड़ का संकेत भी माना जा रहा है। आंध्र प्रदेश की राजनीति अब नए समीकरणों की ओर बढ़ रही है, जहां बीजेपी का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है।
यह बदलाव आगामी चुनावों की रणनीति और राजनीतिक पटल पर गहरा असर डाल सकता है। मयाना जाकिया की बीजेपी में एंट्री को पार्टी के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है, जो समावेशी राजनीति और विकास के एजेंडे को मजबूत करेगी।