Uttar Pradesh

सामूहिक विवाह समारोह: दावत की बदइंतजामी से बेमजा हुईं खुशियां, भूखे लौटे दम्पति व रिश्तेदार

अंशुल मौर्य

वाराणसी, 16 मई 2025:

हरहुआ (पिंडरा) क्षेत्र स्थित काशी कृषक इंटर कॉलेज में आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में 193 जोड़ों ने सात फेरे लिए। शादी की खुशियों को दावत की बदइंतजामी ने फीका कर दिया। भोजन न मिलने से करीब 100 से ज्यादा दूल्हा-दुल्हन और उनके परिजनों को बिना खाना खाए लौटना पड़ा। किसी को सिर्फ सब्जी मिली, किसी को पूड़ी, और कईयों को तो कुछ भी नसीब नहीं हुआ। सपा मुखिया ने समारोह के इंतजाम को लेकर सवाल दागे हैं वहीं डीएम ने जांच कराने की बात कही है।

खाना खत्म होने पर भाग खड़े हुए वेटर व कर्मचारी

इस सामूहिक विवाह समारोह में राज्य मंत्री रविंद्र जायसवाल और अजगरा विधायक त्रिभुवन राम समेत कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे। शादी की रस्में पूरी होने के बाद जैसे ही खाना परोसना शुरू हुआ, भीड़ बेकाबू हो गई। देखते ही देखते खाना खत्म हो गया। बर्तन खाली देखकर वेटर और कर्मचारी काउंटर छोड़कर भाग खड़े हुए। नाराज परिजनों और बारातियों ने मंत्री-विधायकों के सामने ही हंगामा शुरू कर दिया।

वीडियो में नजारा कैद, ‘कूपन थे, खाना नहीं’ से व्यवस्था पर उठे सवाल

वहां मौजूद लोगों ने इन हालतों को वीडियो में भी कैद कर लिया। इसमें एक शख्स गुस्से में कहता है, “पूड़ी दो, पूड़ी… कुछ नहीं मिल रहा!” जवाब में कर्मचारी पलटकर कहता है, “हम क्या करें, जाकर अफसरों से कहो!” एक अन्य व्यक्ति ने बताया, “बेटे, बहू और समधी को भी खाना नहीं मिला। सिर्फ पत्तल हाथ में है। सारी व्यवस्था धरी की धरी रह गई।” मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत हर जोड़े के लिए वर-वधू पक्ष से 10-10 लोगों के खाने की व्यवस्था होती है। इसके लिए कूपन भी जारी किए जाते हैं। 193 जोड़ों के हिसाब से लगभग 3,860 लोगों के लिए खाना तैयार किया गया था। फिर भी खाना कम क्यों पड़ा?

बीडीओ ने कहा, भीड़ से मची अफरातफरी

बीडीओ बद्री प्रसाद वर्मा ने कहा, “अचानक भीड़ बढ़ने से अफरा-तफरी मच गई। वेटरों और लोगों के बीच बहस हुई, जिसके बाद वेटर भाग गए।” उन्होंने मामले की जांच का भरोसा दिलाया है।

सपा मुखिया ने सरकार पर उठाए सवाल

इस घटना ने सियासी रंग भी ले लिया। सपा नेता अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए एक्स हैंडल पर लिखा, “भाजपाइयों का पेट सुरसा के मुंह जैसा है। ‘कोरोना दान’ खा गए, अब ‘कन्या दान’ का भी? शर्मनाक!” उन्होंने सरकार की जिम्मेदारी पर सवाल उठाए।

डीएम बोले, जांच होगी, विधायक ने ठेकेदार को जिम्मेदार ठहराया

डीएम सत्येंद्र कुमार ने कहा कि बाहरी लोगों के आने से भीड़ बढ़ गई, जिससे अव्यवस्था हुई। दूसरी ओर, विधायक त्रिभुवन राम ने ठेकेदार की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया और कहा, “ठेकेदार ने कम खाना बनाया। मैं इसकी शिकायत शासन से करूंगा।” डीएम ने ठेकेदार और अफसरों की भूमिका की जांच के आदेश दिए हैं।

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