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आज लोग बिगड़ते सामज के चरित्र के कारण सच के साथ खड़े नहीं होते : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, 18 मई 2025

सुप्रीम कोर्ट ने 2017  में हुई कांग्रेस पार्षद हत्या मामले के में सुनवाई करते हुए कहा कि आज के दौर में समाज का स्तर, चरित्र लगातार बिगड़ते जा रहा है आज लोग सच के साथ खड़े होने को तैयार नहीं है। हत्या के इस मामले में सुनवाई करते हुए न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा कि वह 2017 के भिवंडी पार्षद हत्या मामले में मौखिक गवाही के लिए बड़ी संख्या में गवाहों पर आखिर क्यों निर्भर है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ शनिवार को कांग्रेस पार्षद हत्या मामले के कथित मुख्य साजिशकर्ता प्रशांत भास्कर महात्रे की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी।पीठ ने राज्य के वकील को महत्वपूर्ण गवाहों की सूची प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, जिनकी जांच कर मामले में आरोपियों को दोषी साबित करने की योजना बनाई गई है।

राज्य सरकार के वकील ने जब कहा कि उन्हें आरोपपत्र में बताए गए 200 गवाहों में से 75 गवाहों से पूछताछ करने की जरूरत है, तो पीठ ने कहा, “समाज के बिगड़ते चरित्र के कारण आजकल लोग सच के लिए खड़े होने को तैयार नहीं हैं। आप इतने सारे गवाहों की गवाही पर क्यों भरोसा कर रहे हैं? हां, गैंगस्टरों द्वारा गवाहों पर दबाव डालने का खतरा है, जो बाद में अपने बयान से पलट जाते हैं, क्योंकि दुर्भाग्य से इस देश में गवाहों की सुरक्षा के लिए कोई कार्यक्रम नहीं है।”

पीठ ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मामले में महत्वपूर्ण गवाहों की सूची प्रस्तुत करने के बाद वह मुकदमे को शीघ्र पूरा करने के लिए समय-सीमा तय करेगी। राज्य सरकार के वकील ने कहा कि बंबई उच्च न्यायालय में जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 14 गवाहों से पूछताछ की, जिनमें से 10 अपने बयान से पलट गए।पीठ ने वकील से महात्रे के आपराधिक इतिहास के बारे में पूछा, जिस पर उन्होंने बताया कि आरोपी पर दर्जन भर से अधिक मामले दर्ज हैं।महात्रे के वकील ने कहा कि उनके खिलाफ दर्ज कई मामलों में उन्हें बरी कर दिया गया है और अदालत से उन्हें जमानत देने का आग्रह किया क्योंकि वह 2017 से जेल में हैं।पीठ ने महात्रे के वकील से कहा, “यहां से किसी चमत्कार की उम्मीद मत कीजिए। हम चाहते हैं कि आपके मुकदमे में तेजी आए। हम चाहते हैं कि समाज में शांति रहे। अगर आप जेल से बाहर आ गए तो बहुत से लोगों की रातों की नींद उड़ जाएगी।”न्यायमूर्ति कांत ने कहा कि अदालत तकनीकी दृष्टि से मामले की निगरानी नहीं कर रही है, बल्कि इसका पर्यवेक्षण कर रही है, ताकि मामले में सुनवाई में तेजी लाई जा सके।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने 7 फरवरी को महात्रे की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा, “…सभी आरोपियों के इकबालिया बयानों से संकेत मिलता है कि उक्त आवेदक को वर्तमान मामले में मुख्य साजिशकर्ता कहा जा सकता है।” इसने महात्रे के ड्राइवर के बयान का हवाला दिया था जिसमें कहा गया था कि पीड़ित का चचेरा भाई होने के नाते उसके साथ उसकी लंबे समय से राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता थी और इससे पहले भी एक मौके पर उक्त आवेदक ने अन्य लोगों के साथ मिलकर 2013 में पीड़ित पर हमला किया था।

उच्च न्यायालय ने कहा, “…रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री आवेदक के खिलाफ प्रथम दृष्टया मुख्य साजिशकर्ता के रूप में मामला बनाती है, जिसने अन्य आरोपियों को पीड़ित पर क्रूर हमला करने के लिए अपने साथ शामिल होने के लिए प्रेरित किया, जिसके परिणामस्वरूप उसकी मौत हो गई। इसलिए, इस न्यायालय को आवेदक – आरोपी नंबर 10 द्वारा दायर आवेदन में कोई योग्यता नहीं मिली और तदनुसार, इसे खारिज कर दिया जाता है।” एफआईआर के अनुसार, पीड़ित मनोज महात्रे, जो भिवंडी-निजामपुर नगर निगम में तीन बार कांग्रेस पार्टी से भिवंडी के पार्षद रहे हैं, पर 14 फरवरी, 2017 को आग्नेयास्त्रों के साथ-साथ दरांती और चाकू से बेरहमी से हमला किया गया था, जिससे वह घटनास्थल पर गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

बता दे कि मनोज के ड्राइवर व्दारा दर्ज कराई गई FIR  में बताया गया है कि हमले के बार आरोपी मौके से भाग गए थे जिनमें से कुछ ने भागने के लिए स्विफ्ट कार आ उपयोग किया था। स्विफ्ट कार वाला बाहर ही उनके भागने का इंतजार कर रहा था। जिसके बाद पुलिस ने कार्यवाही करते हुए मामले में पीडिता के चचेरे भाई प्रशांत भास्कर महात्रे और अन्य सात आरोपियों को हिरासत में लिया था।

 

 

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