मुंबई | 19 मई 2025
बॉलीवुड में जल्द ही दो बड़ी फिल्में रिलीज होने वाली हैं, जिनमें दिव्यांग और डिसऑर्डर से पीड़ित पात्रों की सशक्त कहानियां दिखाई जाएंगी। आमिर खान की *सितारे ज़मीं पर* और अनुपम खेर की *तन्वी द ग्रेट* अगले दो महीनों में सिनेमाघरों में दस्तक देंगी। इन फिल्मों का मकसद मनोरंजन से अधिक जागरूकता फैलाना है—वो भी समाज के उस वर्ग को लेकर जो अक्सर पर्दे पर नजरअंदाज कर दिया जाता है।
*सितारे ज़मीं पर* दरअसल स्पेनिश फिल्म *चैम्पियंस* का भारतीय रूपांतरण है, लेकिन आमिर खान ने इसे पूरी तरह देशी परिवेश में ढालते हुए असली दिव्यांग कलाकारों को लेकर फिल्म बनाई है। इन कलाकारों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है ताकि वे कैमरे के सामने संवाद और अभिनय को स्वाभाविक तरीके से निभा सकें। आमिर खान ने इसे केवल फिल्म नहीं, बल्कि सामाजिक संदेश मानते हुए ऐसी जगहों पर भी रिलीज करने का निर्णय लिया है जहां दिव्यांगजनों को फिल्म देखने की पर्याप्त सुविधाएं हों।
वहीं *तन्वी द ग्रेट* की कहानी एक ऑटिज्म से पीड़ित युवती की है जो देशसेवा का सपना लेकर भारतीय सेना में भर्ती होना चाहती है। अनुपम खेर ने इस फिल्म का निर्देशन और निर्माण किया है। उन्होंने इसे दिल से बनाई गई फिल्म बताते हुए कहा कि यह फिल्म दर्शकों को संवेदनशील और जागरूक बनाएगी। फिल्म इस सवाल को उठाती है कि क्या डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति देशभक्ति की भावना नहीं रख सकता? क्या उन्हें सेवा का अवसर नहीं मिलना चाहिए?
दोनों ही फिल्में पारंपरिक बॉलीवुड फार्मूलों से हटकर समाज में मौजूद दिव्यांग जनों के संघर्ष, सपनों और जिजीविषा को दर्शाने वाली हैं। ये फिल्में ना सिर्फ समाज की सोच को चुनौती देती हैं, बल्कि एक बेहतर और समावेशी दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह भी करती हैं।
अब देखना यह है कि ये संवेदनशील विषयवस्तु दर्शकों के दिलों में कितनी गहराई से उतर पाती है।