अनमोल शर्मा
मेरठ,21 मई 2025:
भारतीय परिवहन प्रणाली में एक ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिलने जा रहा है। मेरठ देश का पहला ऐसा शहर बनने जा रहा है जहां एक ही इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन ‘नमो भारत’ और शहरी मेट्रो ‘मेरठ मेट्रो’ साथ-साथ दौड़ेंगी। यह मॉडल न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर भी अपने आप में अनूठा है।
यात्रियों के लिए आइलैंड प्लेटफॉर्म की सुविधा
82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर नमो भारत ट्रेन 160 किमी प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से दौड़ रही है। मेरठ मेट्रो इसी कॉरिडोर के मेरठ साउथ से मोदीपुरम डिपो तक 23 किलोमीटर के भीतर 13 स्टेशनों पर 120 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चलेगी। यात्रियों के लिए विशेष तौर पर आइलैंड प्लेटफॉर्म बनाए गए हैं जिससे एक ही स्थान पर दोनों सेवाओं के बीच सुविधाजनक इंटरचेंज संभव होगा।
मेट्रो नेटवर्क और प्रमुख स्टेशन
यात्रियों के अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए नमो भारत और मेट्रो स्टेशनों को जहां संभव हो, भारतीय रेलवे स्टेशनों, मेट्रो स्टेशनों और बस डिपो के साथ रणनीतिक रूप से जोड़ा गया है। विशेष रूप से मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम स्टेशनों को इस तरह डिजाइन किया गया है कि दोनों सेवाओं के बीच स्विच करना यात्रियों के लिए आसान हो सके।
मेरठ मेट्रो के 13 स्टेशन
मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौरली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो—में से चार स्टेशनों (मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल, मोदीपुरम) पर नमो भारत और मेट्रो दोनों की सुविधा मिलेगी। बेगमपुल, भैसाली और मेरठ सेंट्रल अंडरग्राउंड स्टेशन हैं, बाकी स्टेशन एलिवेटेड हैं जबकि मोदीपुरम डिपो एट-ग्रेड स्टेशन है।
आटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (ATP) और प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर जैसी सुविधाओं से लैस हैं। टिकटिंग के लिए वेंडिंग मशीन, मोबाइल एप, यूपीआई, कैश और कार्ड विकल्प उपलब्ध हैं।
भविष्य की राह
यह परियोजना देश के ट्रांजिट सिस्टम को नई दिशा देने वाली है और आने वाले वर्षों में अन्य शहरों में भी इसी मॉडल को अपनाने की योजना है।