नारायणपुर, 21 मई 2025
नक्सलवाद अब आखिरी सांसें गिन रहा है। गृह मंत्री अमित शाह के ‘2026 तक नक्सलवाद मुक्त भारत’ के ऐलान के बाद देशभर में बड़े पैमाने पर ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में सुरक्षा बलों ने बड़ी सफलता हासिल की। मुठभेड़ में नक्सली नंवबल्ला केशव राव उर्फ बसवराजू को मार गिराया गया, जिस पर 1.5 करोड़ रुपये का इनाम था। बसवराजू 2010 के दंतेवाड़ा हमले और 2013 के झीरम घाटी नरसंहार का मास्टरमाइंड था। यह पहली बार है जब सुरक्षाबलों ने महासचिव स्तर के नक्सली का खात्मा किया है।
इससे पहले 16 अप्रैल 2024 को कांकेर में मारे गए 29 नक्सलियों में शंकर राव का भी खात्मा हुआ था, जिस पर 25 लाख का इनाम था। जनवरी 2025 में बीजापुर में चालापति मारा गया, जिस पर 90 लाख का इनाम था। 18 नवंबर 2024 को कर्नाटक के उडुपी जिले में विक्रम गौड़ा को ढेर किया गया था, जो दक्षिण भारत में नक्सलवाद का सरगना था। अब बारी है देश के सबसे कुख्यात नक्सली माड़वी हिड़मा की, जो 2010 के ताड़मेटला हमले का मास्टरमाइंड है, जिसमें सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हुए थे।
पिछले 14 महीनों में 400 से ज्यादा नक्सली मारे जा चुके हैं। ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट के तहत छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र में अब तक 54 नक्सली गिरफ्तार और 84 आत्मसमर्पण कर चुके हैं। सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत बड़ी संख्या में नक्सली मुख्यधारा में लौट रहे हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने नारायणपुर ऑपरेशन को ऐतिहासिक उपलब्धि बताया और कहा कि यह पहली बार है जब महासचिव स्तर का नक्सली ढेर किया गया है। वहीं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि उनकी सरकार नक्सलवाद के सफाए को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2024 में कई बड़े ऑपरेशनों के तहत सैकड़ों नक्सलियों का खात्मा हुआ है। इनमें 20 मार्च को बीजापुर-कांकेर में 30, 29 मार्च को सुकमा में 16, 2 अप्रैल को बीजापुर में 13, 4 अक्टूबर को दंतेवाड़ा में 38 और 10 फरवरी 2025 को बीजापुर में 31 नक्सली मारे गए थे।
अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई 21 मई 2025 को हुई, जब नारायणपुर में 27 नक्सलियों को मार गिराया गया, जिनमें से एक करोड़ का इनामी नक्सली राजू भी शामिल था। सरकार का लक्ष्य मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त करना है।