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राजनयिकों पर हमले से दहला अमेरिका और वेस्ट बैंक, वैश्विक सुरक्षा पर मंडराया खतरा

वाशिंगटन डी.सी./जेनिन (22 मई 2025)

बीते 24 घंटों में दो अलग-अलग महाद्वीपों पर हुई हिंसक घटनाओं ने विश्व राजनीति और कूटनीतिक रिश्तों को गंभीर चुनौती दी है। पहली घटना अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डी.सी. में हुई, जहां इजराइली दूतावास से जुड़े दो कर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वहीं दूसरी घटना वेस्ट बैंक के जेनिन शरणार्थी शिविर में घटी, जहां इजराइली सैनिकों ने मानवीय संकट का जायजा लेने पहुंचे एक राजनयिक प्रतिनिधिमंडल पर चेतावनी स्वरूप गोलियां चलाईं।

वाशिंगटन डी.सी. में हमला कैपिटल यहूदी संग्रहालय के पास 21 मई की शाम हुआ, जिसमें दो इजराइली नागरिक मारे गए और तीन घायल हो गए। अमेरिकी जांच एजेंसियों का मानना है कि यह हमला संभावित रूप से यहूदी विरोधी भावना या राजनयिकों को निशाना बनाने के मकसद से किया गया। हालांकि, हमलावर की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है।

दूसरी ओर, वेस्ट बैंक की घटना उस समय हुई जब फ्रांस, इटली, आयरलैंड और अन्य देशों के यूरोपीय व अरबी राजनयिकों का एक दल जेनिन पहुंचा। इजराइली सेना का कहना है कि यह दल प्रतिबंधित सैन्य क्षेत्र में प्रवेश कर गया था, जिसके कारण चेतावनी फायरिंग की गई। किसी के घायल होने की सूचना नहीं है, लेकिन इस पर कई देशों ने इजराइल से तीखी प्रतिक्रिया जताई है।

इन दोनों घटनाओं के बीच संभावित संबंध को लेकर अटकलें तेज हैं। एक मत के अनुसार, वेस्ट बैंक की घटना के जवाब में वाशिंगटन में हमला किया गया हो सकता है, जबकि अन्य विश्लेषकों का कहना है कि यह महज संयोग भी हो सकता है क्योंकि वाशिंगटन में इतनी तेजी से हमले की योजना बना पाना कठिन है।

इस दोहरे हमले ने कूटनीतिक हलकों और वैश्विक सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या दुनिया भर में राजनयिकों की सुरक्षा पर्याप्त है या नहीं।

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