Uttar Pradesh

स्मृति अभियान में बोले सीएम…रानी आहिल्याबाई के नाम होगा औरैया का मेडिकल कॉलेज

लखनऊ, 23 मई 2025:

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने रानी अहिल्याबाई होल्कर की 31 मई को जयंती से पूर्व सभी प्रभारी मंत्रियों से अपने जिलों में सेक्टर निकाय, जनपद व मंडल स्तर पर कार्यक्रमों का हिस्सा बनने को कहा है। जिससे रानी आहिल्याबाई का व्यक्तित्व व कृतित्व नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा व प्रकाश बन सके। सीएम ने औरैया में राजकीय मेडिकल कालेज को लोकमाता रानी आहिल्याबाई होल्कर का नाम देने का एलान किया।

समाज को जोड़ने का काम करते हैं महापुरुष

सीएम राजधानी में गुरुवार को अपने आवास पर रानी आहिल्याबाई होल्कर जन्म त्रिशताब्दी वर्ष स्मृति अभियान-2025 के अंतर्गत संगोष्ठी में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के शासनकाल में महापुरुषों को बांटने का काम जाति मजहब के नाम पर किया जाता था। सपा ने औरैया में माता अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर स्थापित डिग्री कॉलेज का नाम बदलने का प्रयास किया था। सीएम ने घोषणा की कि वर्तमान सरकार ने औरैया के मेडिकल कॉलेज का नाम लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर रखने का निर्णय लिया है। हमारे महापुरुष बाटते नहीं जोड़ते है।

रानी आहिल्याबाई ने रखी आदर्श शासन व्यवस्था की नींव

रानी अहिल्याबाई होल्कर ने एक आदर्श शासन व्यवस्था की नींव रखी थी। भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षण देने के लिए उत्तर से दक्षिण तक, पूर्व से पश्चिम तक वृहद भारत को ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के रूप में जोड़ने का काम उन्होंने किया था।

महिला पीएसी में वीरांगनाओं ने नाम पर बनीं तीन बटालियन

तीन अलग-अलग वीरांगनाओं के नाम पर हम लोगों ने उत्तर प्रदेश महिला पीएसी की तीन नई बटालियन का भी गठन किया है। इनमें वीरांगना लक्ष्मी बाई, अवंतीबाई और झलकारीबाई शामिल हैं। प्रदेश में सात वर्किंग विमेन हॉस्टल अहिल्याबाई के नाम पर बनाए जा रहे हैं। लोकमाता’ अहिल्याबाई होल्कर के विराट व्यक्तित्व के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए प्रधानमंत्री की प्रेरणा से पूरे देश के अंदर यह कार्यक्रम प्रारंभ हुए।

2014 से पहले सरकारें थीं मगर भारतीयता नहीं थी

2014 से पहले भी भारत था मगर उसे भारतीयता की दृष्टि से नहीं देखा जाता था। भगवान राम और कृष्ण को काल्पनिक कहा जाता था। रामसेतु को तोड़ने की कोशिश की गई और भ्रष्टाचार, अविश्वास, अराजकता व राजनीतिक षड्यंत्र का बोलबाला था। वहीं, मोदी सरकार ने ‘नेशन फर्स्ट’ का भाव पैदा किया, जिसके परिणामस्वरूप आज भारत गर्व के साथ नई ऊंचाइयों को छू रहा है। देश वही, नेतृत्व बदला तो दुनिया के सामने भारत एक आदर्श व्यवस्था का शासक बन गया। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पिछले 11 वर्ष से हम इसका अनुभव कर रहे हैं।

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