सहारनपुर | 26 मई 2025
उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले ही समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के गठबंधन में दरारें साफ नजर आने लगी हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर चुनाव लड़ने वाली दोनों पार्टियों के बीच अब विधानसभा सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। सहारनपुर में कांग्रेस सांसद इमरान मसूद और सपा विधायक आशु मलिक के बीच जुबानी जंग ने इस मतभेद को खुलकर सामने ला दिया है।
इमरान मसूद ने दावा किया है कि कांग्रेस सहारनपुर की सभी सात विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, जबकि सपा केवल एक या दो सीटें छोड़ने को तैयार है। मसूद ने यहां तक कहा कि वे गठबंधन की भीख नहीं मांगेंगे और कांग्रेस को अपने पैरों पर खड़ा करेंगे। उन्होंने यह भी दावा किया कि वे प्रियंका गांधी के “प्रोडक्ट” हैं और किसी की बैसाखी पर नहीं चलेंगे।
सिर्फ सहारनपुर ही नहीं, रायबरेली, अमेठी, आजमगढ़, मुरादाबाद, जौनपुर, बाराबंकी और लखनऊ जैसे जिलों में भी सीटों के बंटवारे को लेकर टकराव की आशंका जताई जा रही है। कांग्रेस की मांग है कि उसे 150 से 160 सीटें दी जाएं, जबकि सपा मात्र 60 से 65 सीटें देने पर विचार कर रही है।
कांग्रेस विशेष रूप से उन मुस्लिम बहुल इलाकों पर नजर गड़ाए है जहां यादव वोट बैंक कमजोर है, जबकि सपा इन क्षेत्रों पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहती है। यूपी की 403 विधानसभा सीटों में से लगभग 143 सीटें मुस्लिम प्रभाव वाले हैं, जिन पर कांग्रेस अपना दावा मजबूत कर रही है।
अगर दोनों दलों के बीच सीटों को लेकर यह रस्साकशी जारी रही, तो 2027 में ‘दो लड़कों की जोड़ी’ का साथ बना रहना मुश्किल नजर आता है। गठबंधन बचाने के लिए शीर्ष नेतृत्व को हस्तक्षेप करना पड़ सकता है, वरना भाजपा को फायदा मिलने की पूरी संभावना है।