नई दिल्ली, 27 मई 2025
आईपीएल 2025 में वैभव सूर्यवंशी की धमाकेदार बल्लेबाज़ी ने सभी का ध्यान खींचा है। महज 14 साल की उम्र में 252 रन और सिर्फ 35 गेंदों में शतक ने उन्हें क्रिकेट की दुनिया में एक संभावित सुपरस्टार के रूप में स्थापित कर दिया है। लेकिन अगर वह अपने करियर को और ऊंचाइयों तक ले जाना चाहते हैं, तो उन्हें श्रेयस अय्यर को अपना ‘गुरु’ मानना चाहिए — भले ही वह औपचारिक रूप से नहीं।
यहां गुरु बनने का तात्पर्य उनके अनुभव और गुणों को आत्मसात करने से है। बल्लेबाज़ी की शैली में दोनों अलग हैं, लेकिन सूर्यवंशी को अपनी बैटिंग में बदलाव की कोई ज़रूरत नहीं। बल्कि उन्हें अय्यर की कप्तानी की समझ और दबाव को संभालने की कला को सीखने की ज़रूरत है।
श्रेयस अय्यर ने आईपीएल 2025 में एक लीडर के रूप में खुद को साबित किया है। उनकी कप्तानी में पंजाब किंग्स पहली बार टॉप-2 में पहुंची, वो भी ज्यादातर अनकैप्ड खिलाड़ियों के साथ। यह दिखाता है कि कैसे सीमित संसाधनों में भी टीम को विजयी बनाया जा सकता है। यही नेतृत्व कौशल सूर्यवंशी के लिए भी प्रेरणा बन सकता है।
इसके अलावा, टीम इंडिया से बाहर होने के बाद अय्यर ने जिस तरह से खुद को संभाला और मैदान पर अपने खेल से जवाब दिया, वह एक युवा खिलाड़ी के लिए सीखने लायक उदाहरण है। उन्होंने न तो चयन पर टिप्पणी की, न ही हताशा दिखाई, बल्कि अपने प्रदर्शन से आलोचकों को जवाब दिया।
वैभव सूर्यवंशी पहले ही भारतीय क्रिकेट का भविष्य माने जा रहे हैं। लेकिन अगर वह श्रेयस अय्यर की नेतृत्व क्षमता और मानसिक मजबूती से कुछ सीख लें, तो उनका करियर न सिर्फ सफल होगा, बल्कि आसमान से भी ऊंचा उड़ान भरेगा।