
मुंबई, 28 मई 2025 –
पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के मुख पत्र सामना के संपादकीय में अमित शाह पर जमकर निशाना साधा गया है। संपादकीय में कहा गया है कि यदि शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे जीवित होते, तो सबसे पहले अमित शाह से पहलगाम हमले पर इस्तीफा मांगते।
अमित शाह ने महाराष्ट्र के नांदेड़ में एक सभा के दौरान कहा था कि अगर बालासाहेब ठाकरे आज होते, तो ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर प्रधानमंत्री मोदी को गले से लगा लेते। सामना ने इसे “शाह का भ्रम” बताते हुए लिखा कि बालासाहेब होते तो प्रधानमंत्री से सीधे बात करते और गृह मंत्री की विफलता पर कड़ी फटकार लगाते।
सामना में कहा गया कि शाह अब तक के सबसे कमजोर गृह मंत्री हैं और उनके कार्यकाल में देश की सुरक्षा व्यवस्था और अधिक खराब हुई है। लेख में सवाल उठाया गया कि 26 हिंदू महिलाओं के माथे से सिंदूर मिटाने वाले आतंकवादी आज तक क्यों नहीं पकड़े गए। क्या वे पाकिस्तान चले गए, या हवा में गायब हो गए या फिर बीजेपी में शामिल हो गए?
संपादकीय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहलगाम, पुंछ और मणिपुर जैसे संवेदनशील इलाकों में न जाने पर भी आलोचना की गई है। वहीं, सरकारी खर्च पर सिंदूर यात्रा निकालने और मुस्लिम समुदाय को इसमें शामिल करने को “राजनीतिक ढोंग” बताया गया है।
शिवसेना ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और एनसीपी के भ्रष्ट नेताओं को बीजेपी में शामिल कर उन्हें “पवित्र” घोषित कर दिया गया, और इसी तर्ज पर पहलगाम के आतंकी भी शायद अब “पवित्र” हो गए हैं, इसलिए अब तक पकड़ में नहीं आए।
शिवसेना ने अंत में सवाल किया कि क्या गृह मंत्री का काम सिर्फ विपक्ष को तोड़ना रह गया है? यदि बालासाहेब होते, तो इन सवालों का जवाब जरूर मांगते।