
नई दिल्ली,28 मई 2025
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने 29 मई को एक बार फिर से मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्णय लिया है। यह मॉक ड्रिल पाकिस्तान से सटी सीमाओं वाले राज्यों—जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात—में आयोजित की जाएगी। इस अभ्यास का उद्देश्य युद्ध जैसी आपातकालीन स्थितियों में नागरिकों को तैयार करना और उनकी प्रतिक्रिया क्षमता को परखना है।
मॉक ड्रिल के दौरान प्रशासनिक स्तर पर भी व्यापक तैयारियों का जायजा लिया जाएगा। इसमें ब्लैक आउट, मॉल खाली कराना और जरूरी संसाधनों की स्थिति की जांच शामिल होगी। नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है और मॉक ड्रिल के दौरान संभावित आपात स्थितियों से निपटने की प्रक्रिया को समझाया जाएगा।
ब्लैक आउट की प्रक्रिया के तहत सभी स्ट्रीट लाइट, घरेलू लाइट, गाड़ियों की हेडलाइट और सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था को बंद कर दिया जाएगा या ढक दिया जाएगा, ताकि शहर की पहचान दुश्मन के निगरानी तंत्र से छिपाई जा सके। लाइट को बाहर निकलने से रोकने के लिए खिड़कियों पर काले कागज, पर्दे या ढाल का इस्तेमाल किया जाएगा। इस अभ्यास का उद्देश्य युद्ध की स्थिति में नागरिक और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
मॉक ड्रिल एक ऐसा अभ्यास है जो वास्तविक समय की आपातकालीन स्थिति का अनुकरण करता है। इसके जरिए लोगों और संगठनों की संभावित कमजोरियों की पहचान कर उन्हें दूर करने की प्रक्रिया अपनाई जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यदि युद्ध जैसी कोई आपदा सामने आए तो नागरिक अधिकतम सुरक्षा उपायों को स्वयं अपनाकर अपनी जान-माल की रक्षा कर सकें।
गौरतलब है कि हाल ही में भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू करने से पहले भी देशभर में मॉक ड्रिल कराई थी। उस समय भी नागरिकों को सतर्क करने और युद्ध जैसी स्थिति के लिए मानसिक रूप से तैयार करने के लिए व्यापक अभ्यास किया गया था।