
नई दिल्ली, 30 मई 2025
पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत व्दारा पाकिस्तान और आतंकवादियों पर करारा प्रहार कर ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाक अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट और पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाने के बाद, भारतीय वायु सेना (आईएएफ) प्रमुख ने देश की सेना के लिए हथियार प्रणालियों के उत्पादन पर एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के प्रमुख अमर प्रीत सिंह ने रक्षा खरीद पूरी होने में हो रही देरी पर सवाल उठाया और दुख जताया कि उत्पादन में देरी के कारण अधिकांश अनुबंध पूरे नहीं हो पाते हैं।
रक्षा खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने के महत्व पर जोर देते हुए एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत ने उद्योग से आग्रह किया कि वे ऐसे वादे न करें जिन्हें पूरा न किया जा सके, क्योंकि समयसीमा एक ‘बड़ा मुद्दा’ है।
सीआईआई वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन 2025 में बोलते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा, “इसलिए, एक बार समयसीमा दिए जाने के बाद, मुझे लगता है कि एक भी परियोजना समय पर पूरी नहीं हुई है। इसलिए यह ऐसी चीज है जिस पर हमें गौर करना चाहिए। हमें ऐसा वादा क्यों करना चाहिए जो पूरा नहीं हो सकता? अनुबंध पर हस्ताक्षर करते समय, कभी-कभी हमें यकीन होता है कि यह पूरा नहीं होने वाला है, लेकिन हम अनुबंध पर हस्ताक्षर कर देते हैं।”
तेजस एमके1ए लड़ाकू विमानों की डिलीवरी में देरी पर तीन महीने पहले सार्वजनिक रूप से नाराजगी व्यक्त करने के बाद, एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत ने बताया कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा अब तक उन 83 हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) जेट में से कोई भी वितरित नहीं किया गया है।
एचएएल को फरवरी 2021 में 48,000 करोड़ रुपये का अनुबंध दिया गया था और मार्च 2024 में डिलीवरी शुरू होने की उम्मीद थी। हालांकि, अमेरिकी कंपनी द्वारा आपूर्ति श्रृंखला संबंधी समस्याओं के कारण जनरल इलेक्ट्रिक से इंजनों की धीमी डिलीवरी से एचएएल प्रभावित हुई है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में आयोजित कार्यक्रम में अमर प्रीत ने कहा, “तेजस एमके1 की डिलीवरी में देरी हो रही है। तेजस एमके2 का प्रोटोटाइप अभी तक तैयार नहीं हुआ है। स्टील्थ एएमसीए फाइटर का अभी तक कोई प्रोटोटाइप नहीं है।”






