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प्रशांत किशोर ने ‘सीजफायर’ पर मोदी सरकार को घेरा, कहा – ‘अब सिंदूर के डिब्बे बांटने से कुछ नहीं होगा’

पटना, 1 जून 2025

जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बीते दिनों भारत-पाकिस्तान के बीच हुए ऑपरेशन सिंदूर की कार्य़वाही को लेकर सरकार को घेरा है और कहा कि जब हम युध्द में जीत ही रहे थे तो आखिर मोदी सरकार ने चार दिन की सैन्य कार्यवाही के बाद शांति की सहमति कैसे कर ली। राजनीतिक रणनीतिकार से राजनेता बने किशोर ने सुझाव दिया कि कार्रवाई रोकने से भारत ने भारतीय सेना के लिए अपनी स्थिति को और मजबूत करने का एक अवसर खो दिया हो सकता है। वहीं सरकार पर तीखा हमला करते हुए किरोश ने कहा है कि अब सिंदूर के डिब्बे बांटने से कुछ हासिल नहीं होगा। किशोर ने कहा, “विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान के अनुसार, पाकिस्तान युद्धविराम चाहता था, जो यह दर्शाता है कि पड़ोसी देश दबाव में था और हार के डर में था।

“मैं सोच रहा हूँ, अगर पाकिस्तान युद्धविराम चाहता था, जैसा कि हमारे विदेश मंत्री कह रहे हैं, तो इसका मतलब है कि हमारी सेना अच्छा काम कर रही थी, हम पाकिस्तान को हरा रहे थे। यह डर के कारण ही हो सकता है कि पाकिस्तान ने युद्धविराम की मांग की। तो अगर पाकिस्तान युद्धविराम चाहता था, तो हमने इसे क्यों स्वीकार किया? सेना को इसे दो और दिनों तक जारी रखना चाहिए था,” किशोर ने 31 मई को पूर्व चंपारण में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा।

किशोर ने जयशंकर की प्रशंसा करते हुए उन्हें “बहुत शिक्षित और समझदार” कहा। “सीजफायर के मुद्दे पर, हमारे देश के ईएएम जयशंकर एक बहुत शिक्षित और समझदार व्यक्ति हैं। मैं उनका बहुत सम्मान करता हूँ। मैंने उनका बयान पढ़ा जिसमें उन्होंने कहा कि सीजफायर पाकिस्तान की पहल पर किया गया था,” उन्होंने जोड़ा।भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-आधारित कश्मीर में नौ आतंकवादी ढांचों पर सटीक हमले किए, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में थे, जिसमें ज्यादातर जम्मू और कश्मीर के पर्यटकों सहित 26 लोग मारे गए थे।

भारतीय कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले करने की कोशिश की। भारतीय पक्ष ने पाकिस्तानी प्रयासों का मजबूती से जवाब दिया, जिसमें कई प्रमुख पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों को भारी नुकसान पहुंचाया गया, जिसमें एयर बेस, एयर डिफेंस सिस्टम, कमांड और कंट्रोल सेंटर और रडार साइट शामिल हैं। हालांकि, दोनों देशों ने 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए एक समझौते पर सहमति व्यक्त की। किशोर ने कहा कि जमीन पर स्थिति यह संकेत देती है कि भारत की सेना नियंत्रण में है।

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