• About Us
  • T&C
  • Privacy Policy
  • Contact Us
  • Site Map
The Ho HallaThe Ho HallaThe Ho Halla
  • Ho Halla Special
  • State
    • Andhra Pradesh
    • Arunachal Pradesh
    • Assam
    • Bihar
    • Chandigarh
    • Chhattisgarh
    • Delhi
    • Gujarat
    • Haryana
    • Himachal Pradesh
    • Jammu & Kashmir
    • Jharkhand
    • Karnataka
    • Kerala
    • Madhya Pradesh
    • Maharashtra
    • Manipur
    • Odhisha
    • Punjab
    • Rajasthan
    • Sikkim
    • Tamil Nadu
    • Telangana
    • Uttar Pradesh
    • Uttrakhand
    • West Bengal
  • National
  • Religious
  • Sports
  • Politics
Reading: न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव संभव, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू बोले – कोई राजनीतिक गुंजाइश नहीं
Share
Notification Show More
Font ResizerAa
The Ho HallaThe Ho Halla
Font ResizerAa
  • Ho Halla Special
  • State
    • Andhra Pradesh
    • Arunachal Pradesh
    • Assam
    • Bihar
    • Chandigarh
    • Chhattisgarh
    • Delhi
    • Gujarat
    • Haryana
    • Himachal Pradesh
    • Jammu & Kashmir
    • Jharkhand
    • Karnataka
    • Kerala
    • Madhya Pradesh
    • Maharashtra
    • Manipur
    • Odhisha
    • Punjab
    • Rajasthan
    • Sikkim
    • Tamil Nadu
    • Telangana
    • Uttar Pradesh
    • Uttrakhand
    • West Bengal
  • National
  • Religious
  • Sports
  • Politics
Follow US
  • Advertise
© 2022 TheHoHalla All Rights Reserved.
The Ho Halla > Blog > State > Delhi > न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव संभव, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू बोले – कोई राजनीतिक गुंजाइश नहीं
Delhi

न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव संभव, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू बोले – कोई राजनीतिक गुंजाइश नहीं

ankit vishwakarma
Last updated: June 5, 2025 1:26 pm
ankit vishwakarma 3 months ago
Share
SHARE

नई दिल्ली, 5 जून 2025

बीते दिनों घर में जली हुई नकदी कांड के बाद चर्चा में आए न्यायाधीश यशवंत वर्मा की मुश्किलें अब और बढ़ सकती है। दरअसल जानकारी अनुसार केंद्र सरकार आगामी संसद में न्यायाधीश वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने पर विचार कर रही है। बुधवार को इसी मामले पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव न्यायपालिका में भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है और इसलिए इस मुद्दे पर अलग राजनीतिक रुख अपनाने की कोई गुंजाइश नहीं है। न्यायमूर्ति वर्मा को उस समय आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है जब उनके आवास पर आग लगने के बाद कथित तौर पर जली हुई नकदी का ढेर पाया गया था।समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री ने यह भी कहा कि महाभियोग मामले पर राजनीति की कोई गुंजाइश नहीं है।

रिजिजू ने कहा, “न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव न्यायपालिका में भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। इसलिए इसमें किसी तरह की राजनीति की गुंजाइश नहीं है। हर पार्टी के लिए अलग-अलग राजनीतिक रुख अपनाने की गुंजाइश नहीं है। इसलिए हम एकजुट रुख अपनाना चाहेंगे।”   मंत्री ने कहा, “संसद को इस मामले पर चर्चा करने और आगे बढ़ने के लिए एक साथ आना होगा। इसलिए, मैं सभी राजनीतिक दलों के बीच आम सहमति बनाने की कोशिश कर रहा हूं और मैंने प्रमुख नेताओं के साथ चर्चा शुरू कर दी है तथा मैं सभी से संपर्क करूंगा।”

एएनआई ने रिजिजू के हवाले से कहा, “प्रतिक्रिया बहुत सकारात्मक रही है। जैसा कि मैंने कहा, इस मामले में प्रत्येक पार्टी द्वारा राजनीतिक रुख अपनाने की कोई गुंजाइश नहीं है। मामला बहुत गंभीर है और यह देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए, जब हम भ्रष्टाचार पर चर्चा करते हैं, चाहे वह न्यायपालिका में भ्रष्टाचार हो या कहीं और, इसे देश के सर्वोत्तम विचार में लिया जाना चाहिए। हम इस पर पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण नहीं रखने जा रहे हैं।” रिजिजू का यह बयान उन रिपोर्टों के एक दिन बाद आया है जिनमें कहा गया था कि सरकार न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश कर सकती है।

वैसे इससे पहले, न्यायमूर्ति वर्मा के आवास के स्टोर रूम में “जली हुई नकदी” मिलने के आरोपों के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने एक जांच समिति गठित की थी।  गठन के बाद, आंतरिक जांच समिति ने पिछले महीने इस मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसे तब से प्रधानमंत्री और भारत के राष्ट्रपति को भेज दिया गया है। 4 मई को, आरोपों की आंतरिक जांच करने के लिए नियुक्त न्यायाधीशों के एक पैनल ने अपनी रिपोर्ट भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना को सौंप दी। मुख्य न्यायाधीश ने दिल्ली उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए 22 मार्च को समिति गठित की थी।

आगामी मानसून सत्र  :

आगामी संसद के मानसून सत्र के लिए रिजिजू ने घोषणा की थी कि मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक निर्धारित है। तीन महीने से अधिक के अंतराल के बाद, संसद के दोनों सदन 21 जुलाई को सुबह 11 बजे बुलाए जाएंगे। यह मानसून सत्र काश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पहला संसद सत्र होगा। वहीं पहलगाम और ऑपरेशन सिंदूर के लिए विपक्ष दल लगातार सरकार से चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं।

 

 

TAGGED:BrakingNewsHindiNewsimpeachment motionJustice varma impeachmentJustice Yashawant VarmaJustice Yashwant Varma caseJustice Yashwant vermaKiren RijiijuKiren RijijuLatestNewsLaw Minister Kiren Rijijumonsoon sessionMonsoon session 2025newsStateNewsthehohallaTodayNewsYashwant Verma
Share This Article
Facebook Email Print
Previous Article संतोष देव गिरि मिर्जापुर, 5 जून 2025: उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का मज़ाक मिर्जापुर जनपद में बनता नजर आ रहा है। हलिया ब्लॉक के सोनगढ़ा गांव निवासी सोनू और साधना उर्फ गुड़िया की शादी इस योजना के तहत 21 जनवरी 2025 को हलिया के जगधारी प्रसाद इंटर कॉलेज में कराई गई थी। इस कार्यक्रम में कुल 117 जोड़ों की शादी हुई थी, जिसमें इन दोनों की जोड़ी 90वें नंबर पर थी। तय था गांव से भी होगी पारंपरिक शादी परिवारों में पहले ही तय हो गया था कि योजना के तहत विवाह के बाद गांव में भी पारंपरिक रीति से बारात जाएगी। इसी के तहत 2 जून को सोनू बारात लेकर लड़की के गांव पहुंचा। द्वार पूजा, जयमाल और मंडप सजने के बाद लड़की के पिता ने आरोप लगाया कि लड़के वालों ने तय किए अनुसार पर्याप्त गहने नहीं लाए हैं, इसलिए शादी नहीं होगी। देर रात तक पंचायत चलती रही, लेकिन लड़की का परिवार नहीं माना और अंततः बारात को लौटना पड़ा। सोनू ने फोन पर बातचीत में कहा, “हमारी पहले शादी योजना से हो चुकी है, लेकिन अब बारात लौटा दी गई। हमारी बहुत बेइज्जती हुई है। हम 50,000 रुपये का गहना लेकर फिर जा रहे हैं। अगर इस बार भी शादी नहीं हुई तो मैं जान दे दूंगा।” वादा पूरा न करने पर रुकी शादी इस मामले में लड़की के पिता पप्पू कोल ने कहा कि वादा पूरा नहीं किया गया इसलिए शादी रोक दी गई। वहीं, लड़के के पिता रघुनाथ कोल ने भी स्वीकार किया कि गहनों को लेकर विवाद हुआ और इसी कारण बारात लौटी। क्या कहा समाज कल्याण अधिकारी ने? मामले में समाज कल्याण अधिकारी त्रिनेत्र कुमार सिंह ने बताया कि योजना के अंतर्गत प्रत्येक जोड़े को ₹51,000 की सहायता दी जाती है, जिसमें ₹35,000 लड़की के बैंक खाते में, ₹10,000 वैवाहिक उपहार सामग्री में और ₹6,000 आयोजन पर खर्च किए जाते हैं। अधिकारी ने बताया कि उनका दायित्व रजिस्ट्रेशन से लेकर विवाह संपन्न कराने तक होता है, इसके बाद अगर कोई सामाजिक या पारिवारिक विवाद होता है तो उसकी जानकारी या शिकायत उनके पास नहीं आई है। बड़ा सवाल यह है कि जब राज्य सरकार गरीब बेटियों के लिए योजना चलाकर विवाह संपन्न करा रही है, तब भी गहनों के नाम पर इस तरह की घटनाएं योजना की गंभीरता और उद्देश्य को चोट पहुँचा रही हैं। जब तक समाज की सोच नहीं बदलेगी, तब तक ऐसी योजनाओं के परिणाम सीमित ही रहेंगे। मिर्जापुर में शादी बनी ड्रामा!…….पहले सीएम योजना से विवाह, फिर लौटाई गई बारात
Next Article रेलवे ट्रैक किनारे 24 घण्टे बैठे रहते हैं ये ‘जेम्स बांड’…नजरों और कानों से भांप लेते हैं ‘खतरा’
Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

The Ho HallaThe Ho Halla
© The Ho Halla. All Rights Reserved.
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?

Powered by ELEVEN BRAND WORKS LIMITED