नई दिल्ली, 5 जून 2025
बीते दिनों घर में जली हुई नकदी कांड के बाद चर्चा में आए न्यायाधीश यशवंत वर्मा की मुश्किलें अब और बढ़ सकती है। दरअसल जानकारी अनुसार केंद्र सरकार आगामी संसद में न्यायाधीश वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने पर विचार कर रही है। बुधवार को इसी मामले पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव न्यायपालिका में भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है और इसलिए इस मुद्दे पर अलग राजनीतिक रुख अपनाने की कोई गुंजाइश नहीं है। न्यायमूर्ति वर्मा को उस समय आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है जब उनके आवास पर आग लगने के बाद कथित तौर पर जली हुई नकदी का ढेर पाया गया था।समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री ने यह भी कहा कि महाभियोग मामले पर राजनीति की कोई गुंजाइश नहीं है।
रिजिजू ने कहा, “न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव न्यायपालिका में भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। इसलिए इसमें किसी तरह की राजनीति की गुंजाइश नहीं है। हर पार्टी के लिए अलग-अलग राजनीतिक रुख अपनाने की गुंजाइश नहीं है। इसलिए हम एकजुट रुख अपनाना चाहेंगे।” मंत्री ने कहा, “संसद को इस मामले पर चर्चा करने और आगे बढ़ने के लिए एक साथ आना होगा। इसलिए, मैं सभी राजनीतिक दलों के बीच आम सहमति बनाने की कोशिश कर रहा हूं और मैंने प्रमुख नेताओं के साथ चर्चा शुरू कर दी है तथा मैं सभी से संपर्क करूंगा।”
एएनआई ने रिजिजू के हवाले से कहा, “प्रतिक्रिया बहुत सकारात्मक रही है। जैसा कि मैंने कहा, इस मामले में प्रत्येक पार्टी द्वारा राजनीतिक रुख अपनाने की कोई गुंजाइश नहीं है। मामला बहुत गंभीर है और यह देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए, जब हम भ्रष्टाचार पर चर्चा करते हैं, चाहे वह न्यायपालिका में भ्रष्टाचार हो या कहीं और, इसे देश के सर्वोत्तम विचार में लिया जाना चाहिए। हम इस पर पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण नहीं रखने जा रहे हैं।” रिजिजू का यह बयान उन रिपोर्टों के एक दिन बाद आया है जिनमें कहा गया था कि सरकार न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश कर सकती है।
वैसे इससे पहले, न्यायमूर्ति वर्मा के आवास के स्टोर रूम में “जली हुई नकदी” मिलने के आरोपों के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने एक जांच समिति गठित की थी। गठन के बाद, आंतरिक जांच समिति ने पिछले महीने इस मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसे तब से प्रधानमंत्री और भारत के राष्ट्रपति को भेज दिया गया है। 4 मई को, आरोपों की आंतरिक जांच करने के लिए नियुक्त न्यायाधीशों के एक पैनल ने अपनी रिपोर्ट भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना को सौंप दी। मुख्य न्यायाधीश ने दिल्ली उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए 22 मार्च को समिति गठित की थी।
आगामी मानसून सत्र :
आगामी संसद के मानसून सत्र के लिए रिजिजू ने घोषणा की थी कि मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक निर्धारित है। तीन महीने से अधिक के अंतराल के बाद, संसद के दोनों सदन 21 जुलाई को सुबह 11 बजे बुलाए जाएंगे। यह मानसून सत्र काश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पहला संसद सत्र होगा। वहीं पहलगाम और ऑपरेशन सिंदूर के लिए विपक्ष दल लगातार सरकार से चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं।