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गोल्ड लोन पर आरबीआई के नए नियम: फायदे की डील या नुकसान का सौदा? जानिए पूरी डिटेल

नई दिल्ली | 10 जून 2025

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गोल्ड लोन से जुड़े नियमों में बड़े बदलाव का ऐलान किया है, जो 1 अप्रैल 2026 से लागू होंगे। आरबीआई के अनुसार, ये नए दिशानिर्देश बैंकों और एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) दोनों के लिए एक समान व्यवस्था बनाएंगे और लोन लेने वालों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।

नए नियमों के तहत अब 2.5 लाख रुपये तक के गोल्ड लोन के लिए ग्राहक को अपने आय दस्तावेज या क्रेडिट स्कोर दिखाने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे कम आय वर्ग के लोग आसानी से लोन ले सकेंगे। साथ ही गिरवी रखे सोने की वैल्यू का 85 प्रतिशत तक लोन मिल सकेगा, जिसमें ब्याज भी शामिल होगा। पहले यह सीमा केवल 75 प्रतिशत थी और उसमें ब्याज शामिल नहीं होता था।

आरबीआई ने यह भी स्पष्ट किया है कि अब गोल्ड लोन के लिए गिरवी रखे जाने वाले सोने की अधिकतम सीमा 1 किलोग्राम होगी और सोने के सिक्कों की अधिकतम सीमा 50 ग्राम तय की गई है। इसके अलावा, अब चांदी को भी गिरवी रखकर लोन लेने की अनुमति होगी।

एक और महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि गोल्ड लोन में प्रिंसिपल और ब्याज की पूरी राशि एक साथ चुकाने वालों को 12 महीने के भीतर लोन चुकाना होगा। इसके साथ ही, गोल्ड लोन समाप्त होने के बाद बैंक या एनबीएफसी को निश्चित समय के भीतर सोना लौटाना अनिवार्य होगा, अन्यथा मुआवजा देना पड़ेगा।

डॉक्यूमेंटेशन को लेकर भी नए दिशा-निर्देश जारी हुए हैं। अब हर अनुबंध में सोने की कैरेट, वजन और उस पर लगे रत्नों की जानकारी स्पष्ट रूप से दर्ज करनी होगी। यदि लोन न चुका पाने की स्थिति में नीलामी करनी हो, तो उससे पहले कर्जदार को नोटिस देना अनिवार्य किया गया है।

इन बदलावों का उद्देश्य गोल्ड लोन प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाना है। इससे ग्राहकों को ज्यादा भरोसे के साथ कर्ज लेने की सुविधा मिलेगी।

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