भोपाल, 15 जून 2025
जम्मू-काश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत व्दारा पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया था। अब इस कदम के बाद बीते डेढ़ महीने से अधिक समय पर पाकिस्तान में पानी को लेकर कहर मचा हुआ है। जिससे निजात पाने के लिए पाकिस्तान ने भारत के सामने कई बार इस मुद्दें को लेकर आपसी-सुलह की दरखास्त की पर भारत की ओर से हर बार उसे सख्त संदेश दिया गया। वहीं इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बार फिर पाकिस्तान पर सिंधु जल संधि को लकर निशाना साधा और कहा कि पाकिस्तान जल्द ही आने वाले दिनों में एक-एक बूंद पानी के लिए तरसेगा।
मध्य प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी में भाजपा विधायकों के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए शनिवार को शाह ने कहा, सिंधु नदी का पानी तीन साल में गंगानगर तक बहेगा और पाकिस्तान पानी के लिए तरसेगा। उन्होंने कहा “आज हम पंचायत से लेकर संसद तक भाजपा की स्वीकार्यता देख सकते हैं। एक सुव्यवस्थित, शिक्षित, विकसित देश के लिए भाजपा सरकार जरूरी है।”
“मध्य प्रदेश भाजपा की गौरवशाली परंपरा रही है। स्वर्गीय कुशाभाऊ ठाकरे ने अपने जीवन का हर पल पार्टी को समर्पित किया और पार्टी को स्वर्गीय विजयाराजे सिंधिया और स्वर्गीय सुंदरलाल पटवा जैसे महान नेताओं का आशीर्वाद प्राप्त है। हम सभी पार्टी के कार्यकर्ता हैं और पार्टी ने हमारी योग्यता और क्षमता के आधार पर हमें आगे बढ़ाया है और सांसद और विधायक बनाया है।”
“भाजपा का गठन जनसंघ से हुआ था और आज यह सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। देश के 18 राज्यों में हमारी सरकार है। हमारे पास सबसे ज़्यादा सांसद, विधायक, ज़िला पंचायत, नगर पालिका, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायतें हैं। आज पंचायत से लेकर संसद तक सिर्फ़ भाजपा ही नज़र आती है। पार्टी का यह विकास और विस्तार आठ पीढ़ियों के कार्यकर्ताओं की मेहनत और पुण्य का नतीजा है।”
शाह ने कहा, “जो लोग आखिरी क्षण तक छात्र बने रहते हैं, जिनमें सीखने का जज्बा होता है, वही बदलाव ला सकते हैं। आज हम पंचायत से लेकर संसद तक भाजपा की स्वीकार्यता देख सकते हैं। एक सुव्यवस्थित, शिक्षित, विकसित देश के लिए भाजपा सरकार जरूरी है।”
खास बात यह है कि मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के विधायकों के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में 165 विधायक, 29 लोकसभा सदस्य और सात राज्यसभा सदस्य भाग ले रहे हैं। अन्य पहलुओं के अलावा, इसमें विधायकों को सार्वजनिक रूप से संवाद करने और सोशल मीडिया का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करने के तरीके पर मार्गदर्शन देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। साथ ही पार्टी में शामिल होने वाले नए लोगों को पार्टी की संस्कृति और इतिहास से अवगत कराया जाएगा। 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले भी इसी तरह का शिविर आयोजित किया गया था।
यह शिविर विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें पार्टी के विधायकों को सार्वजनिक बयान देते समय पार्टी लाइन पर बने रहने के लिए मार्गदर्शन करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। यह एक ऐसा मुद्दा है जो पिछले महीने ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले के बारे में अपने मंत्रियों (उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, कैबिनेट मंत्री विजय शाह), पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और पहली बार विधायक बने नरेंद्र प्रजापति द्वारा की गई विवादास्पद टिप्पणियों के बाद विशेष रूप से प्रासंगिक हो गया है।