नई दिल्ली,21 जून 2025:
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मिडिल ईस्ट में चल रहे संघर्ष और भारत की मौन विदेश नीति पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने एक प्रमुख समाचार पत्र में प्रकाशित अपने लेख में ईरान पर इजराइल के हालिया हमलों की तीखी निंदा की और भारत सरकार से सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की।
सोनिया गांधी ने लेख में लिखा कि ईरान भारत का पुराना और विश्वसनीय मित्र रहा है। उन्होंने 1994 के संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में ईरान द्वारा भारत का समर्थन किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि वह भारत के लिए हमेशा खड़ा रहा है। सोनिया ने इस्लामिक रिपब्लिक ईरान को पुराने शाही शासन से बेहतर बताते हुए कहा कि वर्तमान ईरानी शासन ने भारत के साथ अधिक सहयोग किया है।
उन्होंने कहा कि भारत और इजराइल के संबंध भी हाल के वर्षों में मज़बूत हुए हैं, लेकिन भारत के पास एक ऐसी कूटनीतिक और नैतिक शक्ति है जिससे वह दोनों पक्षों के बीच पुल का काम कर सकता है। उन्होंने मोदी सरकार से अपील की कि वह पश्चिम एशिया के नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए स्पष्ट और संतुलित कूटनीतिक रुख अपनाए।
सोनिया गांधी ने हमास द्वारा 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर किए गए हमले की निंदा की, लेकिन इजराइल की जवाबी कार्रवाई को असंगत और भयावह बताया। उन्होंने कहा कि गाजा में 55,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और वहां के नागरिक भयंकर संकट में हैं।
अपने लेख के अंत में उन्होंने मोदी सरकार पर सवाल उठाए कि इजराइल-ईरान तनाव जैसे गंभीर मुद्दे पर भारत की चुप्पी देश की नैतिकता और परंपरागत विदेश नीति से हटने का संकेत है। उन्होंने सरकार से कहा कि अभी भी बहुत देर नहीं हुई है और भारत को शांति के पक्ष में अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए।
यह लेख कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किया गया और पार्टी की विदेश नीति पर स्पष्ट रुख को दर्शाता है।