
नई दिल्ली, 25 जून 2025:
भारत ने मोबाइल डेटा खपत के मामले में पूरी दुनिया को पीछे छोड़ दिया है। एरिक्सन मोबिलिटी की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर स्मार्टफोन यूजर औसतन हर महीने 32 गीगाबाइट डेटा का उपयोग करता है। यह आंकड़ा वैश्विक औसत से कहीं अधिक है और आने वाले वर्षों में इसमें और इजाफा होने की संभावना है।
रिपोर्ट में यह भी अनुमान लगाया गया है कि 2030 तक एक यूजर की औसतन डेटा खपत 62GB प्रति माह तक पहुंच सकती है। पहले यह आंकड़ा 66GB तक जाने का अनुमान था, लेकिन अब इसे 4% कम कर संशोधित किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में तेजी से बढ़ते डिजिटल बुनियादी ढांचे और किफायती डेटा प्लान्स के चलते मोबाइल डेटा ट्रैफिक में यह जबरदस्त वृद्धि देखी जा रही है।
5G सेवा के प्रसार ने भी इस डेटा खपत में बड़ी भूमिका निभाई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक भारत में 5G ग्राहकों की संख्या 98 करोड़ तक पहुंच सकती है, जो मौजूदा स्तर से तीन गुना अधिक होगी। वहीं दूसरी ओर, 4G उपयोगकर्ताओं की संख्या में करीब 60 फीसदी की गिरावट की आशंका जताई गई है, जिससे यह आंकड़ा घटकर 23 करोड़ रह जाएगा।
2024 के अंत तक भारत में मिड-बैंड 5G कवरेज 95% आबादी तक पहुंच चुका था, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी हाई-स्पीड इंटरनेट की मांग बढ़ रही है। साथ ही टेलीकॉम कंपनियों का फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (FWA) पर बढ़ता ध्यान भी इस ग्रोथ को बढ़ावा दे रहा है।
वैश्विक स्तर पर भी मोबाइल डेटा ट्रैफिक हर साल औसतन 19% की दर से बढ़ रहा है और 2030 तक इसके दोगुने से भी अधिक होने की उम्मीद जताई गई है। रिपोर्ट इस बात का स्पष्ट संकेत देती है कि आने वाले वर्षों में भारत न केवल दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल डेटा उपभोक्ता बनकर उभरेगा, बल्कि डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में भी अग्रणी भूमिका निभाएगा।