दिल्ली | 27 जून 2025
राजधानी दिल्ली में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। 1 जुलाई 2025 से दिल्ली सरकार 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को पेट्रोल-डीजल देने पर पूरी तरह से रोक लगाने जा रही है। इसके लिए सरकार ने 200 निगरानी टीमें तैयार की हैं जो पेट्रोल पंपों पर लगातार नजर रखेंगी।
यह निर्णय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की सिफारिशों के बाद लिया गया है, जिससे राजधानी में बढ़ते प्रदूषण पर काबू पाया जा सके। वाहन पहचान के लिए हर पेट्रोल पंप पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं, जो वाहन की उम्र की पहचान कर उसे VAHAN डेटाबेस से मिलाकर पुराना या नॉन-कॉम्प्लायंट वाहन चिन्हित करेंगे।
जिन वाहनों को एंड-ऑफ-लाइफ व्हीकल्स (ELV) के रूप में पहचाना जाएगा, उन्हें ईंधन नहीं दिया जाएगा। इस पर नजर रखने के लिए MCD, ट्रैफिक पुलिस और ट्रांसपोर्ट विभाग की संयुक्त टीमें बनाई गई हैं। SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) के अनुसार, ऐसे वाहनों को जब्त कर अधिकृत स्क्रैपिंग सेंटर (RVSF) भेजा जाएगा।
दिल्ली में लगभग 62 लाख ऐसे वाहन हैं जो इस नियम के तहत आते हैं, जिनमें 41 लाख दोपहिया और 18 लाख चारपहिया वाहन शामिल हैं। नियम का उल्लंघन करने पर वाहन मालिकों पर जुर्माना लगेगा — चारपहिया वाहनों पर ₹10,000 और दोपहिया पर ₹5,000 तक। वहीं, पेट्रोल पंप मालिकों पर भी मोटर वाहन अधिनियम की धारा 192 के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
हालांकि, एक सर्वे के अनुसार 44% लोग इस फैसले के खिलाफ हैं और वैकल्पिक उपाय खोजने की बात कह रहे हैं। उनका कहना है कि कई पुराने वाहन अब भी अच्छी हालत में हैं और उन्हें हटाना अनुचित है। फिर भी सरकार इस योजना को पूरे NCR क्षेत्र में लागू करने की तैयारी में है।