
लखनऊ, 28 जून 2025:
यूपी के सेवानिवृत्त आईएएस अफसर मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन को धर्मांतरण के लिए प्रेरित करने के मामले में चल रही विभागीय जांच में राहत मिल सकती है। सूत्रों के अनुसार जांच में उन पर धार्मिक किताबें छापकर बांटने का आरोप सिद्ध नहीं हुआ है।
विभागीय जांच में आरोप साबित नहीं
बताया जा रहा है कि इफ्तिखारुद्दीन ने धार्मिक पुस्तक के प्रकाशन की जानकारी नियुक्ति विभाग को पहले ही दी थी। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यह किताब उनका मूल लेखन नहीं है, बल्कि विभिन्न स्रोतों से सामग्री संकलित कर तैयार की गई है। जांच रिपोर्ट का अभी उच्च स्तर पर परीक्षण किया जा रहा है और अंतिम निर्णय वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021 में उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम के तत्कालीन चेयरमैन इफ्तिखारुद्दीन का एक कथित वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन पर धर्मांतरण के लिए प्रेरित करने के आरोप लगे थे। इस मामले को सरकार ने गंभीरता से लेते हुए उन्हें प्रतीक्षा सूची में डाल दिया था। वह फरवरी 2022 में सेवानिवृत्त हो गए थे।
हालांकि, एसआईटी जांच में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और विशेष एजेंसी से विवेचना कराए जाने की संस्तुति की गई थी लेकिन अब विभागीय जांच में राहत के संकेत मिल रहे हैं।