मुंबई, 07 जुलाई 2025:
दुनिया के सबसे सफल निवेशकों में गिने जाने वाले वॉरेन बफे की कमाई का रहस्य सिर्फ शेयर खरीदने में नहीं, बल्कि उन्हें सही समय पर बेचने की रणनीति में भी छुपा है। भारतीय शेयर बाजार में रोज़ लाखों निवेशक आते हैं, लेकिन 90% लोग सिर्फ इसीलिए घाटा उठाते हैं क्योंकि उनके पास सही सेलिंग स्ट्रैटेजी नहीं होती।
वॉरेन बफे की रणनीति के अनुसार, शेयर बेचने से पहले कंपनी की मौजूदा स्थिति और भविष्य की संभावनाओं को समझना बेहद ज़रूरी है। अगर कोई कंपनी लगातार घाटे में जा रही है या उसका प्रबंधन कमजोर हो रहा है, तो वह स्टॉक बेचने का संकेत हो सकता है। बफे का मानना है कि किसी भी स्टॉक की कीमत को उसकी असली वैल्यू के साथ तुलना करना ज़रूरी है। इसके लिए प्राइस-टू-इर्निंग रेशियो या कैश फ्लो जैसे टूल्स मददगार साबित हो सकते हैं।
बाजार की गिरावट या तेजी से प्रभावित हुए बिना शांत रहना और सोच-समझकर निर्णय लेना बफे की खासियत है। उनका कहना है कि घबराहट में स्टॉक बेचना दीर्घकालिक लाभ को नुकसान पहुंचा सकता है। यही वजह है कि वह बाजार की अस्थिरता को नजरअंदाज कर मजबूत कंपनियों में बने रहने की सलाह देते हैं।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वॉरेन बफे हमेशा धैर्य रखने पर ज़ोर देते हैं। उन्होंने कहा है कि अगर आप किसी स्टॉक को 10 साल तक रखने को तैयार नहीं हैं, तो उसे 10 मिनट के लिए भी न खरीदें। बार-बार खरीद-बिक्री के बजाय, समझदारी और संयम से निवेश करना ही सफलता की कुंजी है।
बफे का सेलिंग फॉर्मूला चार स्तंभों पर आधारित है: कंपनी की मजबूती, बेहतर विकल्प की मौजूदगी, मूल्यांकन का संतुलन और निवेश में धैर्य। यह तकनीक भारतीय निवेशकों के लिए एक सबक है, खासकर उन लोगों के लिए जो बिना योजना के शेयर बाजार में उतर जाते हैं।
(डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है। निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।)