
लखनऊ, 7 जुलाई 2025:
मोहर्रम की 10वीं तिथि पर रविवार को यूपी के विभिन्न जिलों में जुलूस निकाले गए। बहराइच के नानपारा क्षेत्र में जुलूस के दौरान ईरान के सर्वोच्च नेता और शिया धर्मगुरु अली खामेनेई के पोस्टर को लेकर विवाद हुआ। आरोप है कि नानपारा के राजा बाजार चौकी प्रभारी ने खामेनेई के पोस्टर पर लाठी मार दी और उन पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। इस घटना से आक्रोशित लोगों ने प्रदर्शन करते हुए संबंधित दरोगा को तत्काल हटाने की मांग की।
इस घटना पर लखनऊ में शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा सरकार में भर्ती कुछ पुलिसकर्मी प्रदेश में दंगा फैलाने की साजिश रच रहे हैं। मौलाना ने कहा कि खामेनेई की तस्वीर हटाने और अपमानित करने की कोशिश से शिया समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने दोषी पुलिसकर्मी पर मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की मांग की।
मौलाना कल्बे जव्वाद ने यह भी आरोप लगाया कि इस घटना में शामिल कुछ पुलिसकर्मियों के इजराइली एंबेसी से संबंध हैं। यह सब मौजूदा सरकार को बदनाम करने की कोशिश के तहत किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत के किसी कानून में यह नहीं कहा गया है कि किसी अन्य देश के नेता की तस्वीर लगाना गैरकानूनी है। उनका कहना था कि ईरान-इजराइल विवाद को लेकर कुछ लोग खामेनेई की तस्वीर से चिढ़े हुए हैं और जानबूझकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। मौलाना ने सरकार से ऐसे तत्वों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।






